रक्षा के ध्रुव प्रमाण

जय के लिए जीवन देते हैं

विजय के लिए देते हैं प्राण

प्राण को प्रण सम्मुख रखने वाले

राष्ट्र रक्षा के हैं ध्रुव प्रमाण

धन्य है, वह माता जिसने जने पूत महान

पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान।

मृत्यु का कोई भय नहीं है

खपने का संशय नहीं है

बुझने का डर नहीं सताता

अगर मगर मन में नहीं आता

चिराग ये वेखौप जलते हैं

बर्फ पावश हो या तूफान

पुनीत तिरंगे की शान

भारत के वीर जवान।

न कभी माया ने रिझाया

न कभी ममता ने डिगाया

बहने न दिया अश्कों से पानी

बिकल न होने दी तरुण जवानी

कर्मवेदी पर निर्भीक अड़िग ये

निःसंकोच निकलते हथेली रखके जान

पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान

कराल कष्टों को साध्य वे करते

भू विविधता को वाध्य वे करते

त्याग तप सब विवश हो जाते

वियोग वैराग्य नतमस्तक हो जाते

क्षोभ ग्लानि जिनके निकट न फटके

मांगा है मिट्टी से, मृन्तुंजय वरदान

पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान

कृतज्ञ हैं उस मनोबल का

शस्त्र से सशक्त आत्मबल का

होके जिजीविषा के हजार विकार

कभी न किया कर्तव्यपथ का प्रतिकार

अर्पण समर्पण को, नमन है वीरो

तुम्ही ही हो हर कठिन कष्टों का निधान

पुनीत तिरंगे की शान, भारत के वीर जवान

@ बलबीर राणा 'अड़िग'