गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

बुरांसी (लंगूर ) के अर्जुनदेव डोबरियाल के भवन की लौह लोक कला

सूचना व फोटो आभार : हरीश कंडवाल साइकलवाड़ी

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 44

बुरांसी (लंगूर ) के अर्जुनदेव डोबरियाल के भवन की लौह लोक कला

लंगूर, गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों / जंगलों पर कला -2

पश्चिम लैंसडाउन तहसील /गंगा सलाण (ढांगू , उदयपुर, डबराल स्यूं , अजमेर , लंगूर , शीला ) गढ़वाल हिमालय में तिबारी , निम दारी भवन कला व लोक कलाएं

-गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) अंकन लोक कला ( विशेष -तिबारी अंकन ) - 49

संकलन - भीष्म कुकरेती

लंगूर गढ़ी या भैरव गढ़ी एक ऐतिहासिक स्थल है जहां गोरखा सेना को बारह साल तक गढ़वाली प्रजा से युद्ध से जूझना पड़ा। इसी गढ़ी के निकटवर्ती गाँव है बुराँसी। बुराँसी , प्राचीन ढाकर मार्ग (डाडा मंडी - बांघाट ) में द्वारीखाल , रजकिल , बरसुडी के निकट का गांव है। रजकिल की भाँती इस गाँव में डोबरियाल बहु संख्या में हैं। व बुरांसी रजकिल पंचायत का ही भाग है। बुरांसी का सीधा सीधा अर्थ है जहां बुरांश अधिक हों याने ऊंचाई वाला गाँव।

पलायन एक चिंतन के टीम सदस्य दिनेश कंडवाल, मुकेश बहुगुणा व मनोज इस्तवाल ने अर्जुन देव डोबरियाल के निमदारी की सूचना भेजी , बुराँसी के अर्जुन देव डोबरियाल की निमदारी में काष्ठ जंगला नहीं अपितु पहले मंजिल पर लौह जंगला है और बारीक स्तम्भ /छड़ी भी लौह के हैं , मुकेश बहुगुणा ने सूचना दी कि अर्जुन देव डोबरियाल की निमदारी का निर्माण 1920 में हुआ था व कुल रु 200 में लौह जंगला तैयार हुआ था। जंगले की विशेषता है कि बिन जोड़ के यह जंगला है (मुकेश बहुगुणा की सूचना )

अर्जुन देव डोबरियाल की निम दारी की एक अन्य विशेषता है कि 12 घरों का बड़ा मकान है और आज भी पक्का है याने बास्तु कला में ड्यूरेबिलिटी का नमूना है।

अर्जुन देव डोबरियाल की इस निमदारी की बड़ी विशेषता है कि लौह जंगले का निर्माण स्थानीय कलाकारों /मिस्त्रियों ने किया। अतः अर्जुन देव डोबरियाल की निमदारी गंगा सलाण की लोक कला का अभिनव नमूना है। निमदारी मेके जंगल में लौह के छः छड़ियाँ व छः जालीदार भाग हैं /

पुरातन शैली का यह एक नमूना है। लैंसडाउन तहसील के इस ऐतिहासिक जंगले के बारे में अन्य जरूरी सूचनाओं का डॉक्युमेंटेसन आवश्यक है

सूचना व फोटो आभार : दिनेश कंडवाल , मुकेश बहुगुणा , मनोज इष्टवाल

(पलायन एक चिंतन टीम )

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