गौं गौं की लोककला

तल्ला गुराड़ (एकेश्वर , पौड़ी गढ़वाल ) में वीरांगना तीलू रौतेली बंशजों के मकान, खिड़कियों व खोळी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार : उमेश असवाल

Copyright

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 214

तल्ला गुराड़ (एकेश्वर , पौड़ी गढ़वाल ) में वीरांगना तीलू रौतेली बंशजों के मकान, खिड़कियों व खोळी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन; लकड़ी नक्काशी - 214

Tibari House Wood Art in Tlla Gurad , Pauri Garhwal

संकलन - भीष्म कुकरेती

तपौड़ी गढ़वाल के तल्ला गुराड़ व एकेश्वर से कई विशेष भवनों की सूचना मिलीं हैं। पौड़ी गढवाल में तिबारी, खोली , भवन काष्ठ कला, लकड़ी नक्काशी शृंखला में आज गुराड़ में वीरांगना तीलू रौतेली के बंशजों में काष्ठ कला पर चर्चा होगी। यह भवन नया भवन है। मकान के कमरों के दरवाजों पर ज्यामितीय कला , बड़ी खिड़कियों से साफ़ जाहिर है कि मकान 1900 ही निर्मित हुआ है। भवन भव्य था और आज भव्य रूप दीखता है।

तीलू रौतेली बंशजों के ढैपुर , दुघर मकान में लकड़ी पर नक्काशी समझने स्थानों पर टक्क लगानी आवश्यक है

तीलू रौतेली बंशजों के मकान में तल मंजिल में खोली , कमरों के दरवाजों के स्तम्भों व खिड़कियों में नक्काशी।

तीलू रौतेली बंशजों के मकान में पहली मंजिल पर कमरों के दरवाजों व खिड़कियों पर काष्ठ कला , अलंकरण अंकन।

तीलू रौतेली बंशजों के मकान में तल मंजिल में कमरों के दरवाजों के स्तम्भों व खिड़कियों में नक्काशी - तल मंजिल में पांच से अधिक कमरे हैं व उनके दरवाजे व तल मंजिल में पांच से अधिक कमरों के दरवाजों पर ज्यामितीय कटान से ज्यामितीय (चौखट जैसा ) व शैली में कला अंकन हुआ है। किन्तु सभी कमरों के दरवाजों व खड़िकियों के मुरिन्ड वास्तव में मेहराब आकृति से निर्मित हैं।

तीलू रौतेली बंशजों के मकान में पहली मंजिल में कमरों के दरवाजों के स्तम्भों व खिड़कियों में नक्काशी - खिड़कियों के दरवाजों का पृष्ह्न है शैली की ज्यामितीय कटान हुआ है और मुरिन्ड में मेहराब निर्मित है। किन्तु कमरों के मुरिन्दों में कोई मेहराब (arch ) नहीं मिलते है।

तीलू रौतेली बंशजों के मकान में तल मंजिल में खोली में दिलकश नक्काशी - तीलू रौतेली बंशजों के मकान में तल मंजिल की खोली पर कला अलंकरण अंकन ही मकान की विशेषता है। बाहर पत्थर के आयताकार स्तम्भ हैं। संबंधित , खोली में दोनों ओर मुख्य सिंगाड़ (स्तम्भ) हैं। प्रत्येक मुख्य स्तम्भ दो उप स्तम्भों के युग्म / बना है। बाहर का उप स्तम्भ तिबारी जैसे स्तम्भ जैसे है याने आधार पर उलटे कमल दल , ड्यूल व सीधा कमल फूल है व फिर स्तम्भ की कड़ी सीधे हो ऊपर चलती है , आंतरिक या नीचे स्तर के मुरिन्ड की ऊंचाई पर कड़ी में उल्टा कमल अंकित है उसके ऊपर ड्यूल , फिर सीधा कमल फूल है व वहां से कड़ी थांत आकृति ग्रहण कर लेता है व ऊपरी बाह्य मुरिन्ड से मिल जाता है। अंदर के उप स्तम्भ की कड़ी में पर्ण -लता का प्राकृतिक कला अंकन हुआ है। यह कड़ी /उप स्तम्भ निम्न स्तर के मुरिन्ड से मिल मुरिन्ड की कड़ी बन जाती है। मुरिन्ड के तीनों स्तर की कड़ियों में पर्ण -लताओं का अंकन हुआ है , निम्न मुरिन्ड के ऊपर एक मेहराब है जिसमे ऊपर एक मेहराब है व पटिले में चतुर्भुज देव आकृति स्थित है व पटिले में प्राकृतिक अंकन हुआ है। इस पटिले के ऊपर ही मेहराब है जिसके ऊपर ऊपरी मुरिन्ड है। मेहराब के स्कंध में भी अंकन हुआ है।

तीलू रौतेली बंशजों के मकान के खोली के ऊपरी भाग याने निम्न स्तर के मुरिन्ड के बगल में बाहर मिट्टी पत्थर के चौखट स्तम्भों के ऊपर छप्परिका से नीचे दोनों ओर दीवालगीरें हैं। प्रत्येक दीवालगीर प्राकृतिक कला अंकित स्तम्भ हैं। छप्परिका से दोनों और दो दीवालगीर लटके जैसे हैं जिसमें आधार पर ऊपर दो दो हाथी स्थापित हैं। याने कुल चार हाथी हैं। छप्परिका से शंकु आकृतियां भी लटकी। हैं

निष्कर्ष निकलता है कि तीलू रौतेली बंशजों का मकान भव्य था व खोली समेत मकान में लकड़ी पर ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण कला अंकन हुआ है।

सूचना व फोटो आभार : उमेश असवाल

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020