प्रथम नौसेना अध्यक्ष – देवेंद्र जोशी

प्रथम नौसेना अध्यक्ष – देवेंद्र जोशी

एडरमिरल डी. के. जोशी ने 1 अप्रैल 1974 को भारतीय नौसेना के एक्जीयक्यू्टिव ब्रांच में कमीशन हासिल किया था। लगभग 38 वर्ष के अपने लंबे सेवाकाल में उन्होंने विभिन्न कमान पर हुई नियुक्ति के दौरान अपनी सेवाएं दीं। वह राज्य से पहले नौसेना अध्यक्ष रह चुके हैं। आईएनएस सिंधुरत्न दुर्घटना और इससे पहले हुई कई सिलसिलेवार दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसा करने वाले वे भारत के पहले नौसेनाध्यक्ष हैं।

एडमिरल देवेन्द्र कुमार जोशी

जन्म 4 जुलाई 1954 अल्मोड़ा, उत्तराखंड निष्ठा भारत, सेवा/शाखा भारतीय नौ सेना ,सेवा वर्ष 01 अप्रैल 1974 से 26 फ़रवरी 2014,उपाधि एडमिरल,नेतृत्व भारत के नौसेनाध्यक्ष,चित्रा जोशी (धर्मपत्नी).

सम्मान

  • परम विशिष्ट सेवा पदक
  • अति विशिष्ट सेवा पदक, ADC,
  • युद्ध सेवा पदक,
  • नौसेना पदक,
  • विशिष्ट सेवा पदक

एडमिरल देवेन्द्र कुमार जोशी(जन्म: 4 जुलाई 1954) भारत के २१वें नौसेनाध्यक्ष थे। वे 31 अगस्त 2012 से 26 फ़रवरी 2014[2] तक इस पद रहे। उन्होंने एडमिरल निर्मल वर्मा से यह पदभार ग्रहण किया था तथा उनके त्यागपत्र के पश्चात् वाइस एडमिरल रॉबिन धवन इस पद पर आए।

ए‍डमिरल डी. के. जोशी ने 01 अप्रैल 1974 को भारतीय नौसेना के एक्‍जीक्‍यूटिव ब्रांच में कमीशन प्राप्त किया था। लगभग 38 वर्ष के अपने लंबे सेवाकाल में उन्होंने विभिन्न कमान, कर्मचारी और निर्देशात्मक पदों पर हुई नियुक्ति के दौरान अपनी सेवाएँ दीं। उन्होंने सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग में 1996 से 1999 के दौरान रक्षा सलाहकार के रूप में भी सेवाएँ दी।

  • परम विशिष्ठ सेवा पदक (पीवीएसएम),
  • अतिविशिष्ठ सेवा पदक (एवीएसएम)
  • विशिष्ठ सेवा पदक (वीएसएम)
  • नौसेना पदक (एनएम)
  • त्यागपत्र

आईएनएस सिंधुरत्न दुर्घटना व इससे पहले हुई कई सिलसिलेवार दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होनें २६ फ़रवरी २०१४ को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसा करने वाले वे भारत के पहले नौसेनाध्यक्ष हैं। उनके बाद उप-प्रमुख वाइस एडमिरल रॉबिन धवन को कार्यवाहक नौसेनाध्यक्ष बनाया गया।

इनकी धर्मपत्नी का नाम चित्रा जोशी है और दो बेटियां है।

नौसेना की पश्चिमी कमान के कमांडर रहे जोशी ने ऐसे समय नौसेना का प्रभार संभाला है, जब यह दो विमानवाहक पोतों के संचालन और बड़ी संख्या में युद्धपोत, लंबी दूरी तक निगरानी रखने वाले विमानों और पनडुब्बियों को शामिल करने के लिए तैयार है। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा।

जोशी अंडमान-निकोबार द्वीप कमान और यहां एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय के प्रभारी भी रहे चुके हैं। उन्होंने विजाग स्थित पूर्वी बेड़े का भी नेतृत्व किया है। 1974 में नौसेना में अधिकारी के रूप में शामिल हुए जोशी विमानवाहक पोत 'आईएनएस विराट', गाइडेड मिसाइल विनाशक 'रणवीर' और 'आईएनएस कुठार' की कमान भी संभाल चुके हैं। अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज से स्नातक जोशी मुंबई स्थित नेवल वॉरफेयर कॉलेज और यहां के नेशनल डिफेंस कॉलेज में भी अध्ययन कर चुके हैं।