"गढवालि चुटकला -अचगाल"

कजा़णि," मी दिखणु छौं , तुम कत्ति दिन बिटिक भैर नि ग्याई। क्या बात च ? सर्रा भितर गुहाण फैलाईं ! छि भाई' ।

कजै," मोदी जीन बोलि छाई कि जू जखम च वखम राव ! भैर कत्ते नि जाण। त मी वैदिन बिटिक भैर नि ग्याई। इमा म्यार क्या कसूर? मिते ग्यालि न दी व्हां? अर न देश क प्रधानमंत्री तें। बच्यूं रौल त हम इक्कीस दिन तक ईं गुहाण भी सै ल्यूला। अगर पसंद नि त आइसूलेट ह्वै जा तू। पर भै रेै मी भैर नि जाण्यां कते भी।

कजाणि," त तकि मुनु रौ तें गुहाण म। मि त उबर ही रौल अब आइसूलेशन मा इक्कीस दिन।

( लिख्वार:- विश्वेश्वर सिलस्वाल)