सादर नमन.. प्रिय मित्रों.. 🌺🙏
एक हास्य रचना पेश-ए खिदमत है..
!!आनन्द लीजिये, और अपना प्यार दीजिये !!
"हास्य रचना"
नेता जी चिंतित हुए, हवा देख प्रतिकूल,
सभा में बोले,"खुलवा दूंगा हॉस्पिटल,स्कूल !
रोजगार के अवसर बहुत करूँगा पैदा,
अब घर में ही पिस जायेगा, आटा, मैदा !!
गांव-गांव में बहु विकास मैं करवा दूंगा,
शिखरों पर भी 'बुलेट ट्रैन' मैं चढ़वा दूंगा !!
बिजली, पानी, गैस, मैं घर-घर पहुंचा दूंगा,
काम कोई भी हो, चुटकी में करवा दूंगा !!
गाय, भैंस,बकरी पालन को, लोन भी दूंगा,
सबकी सब इच्छाओं को, मैं पूर्ण करूँगा !!"
मौका देख बढ़ा आगे, बोला एक ग्वाला,
"भैंस मेरी खाली हैं, उनको भर दो लाला !!"
✒️ नरेश उनियाल,
ग्राम-जल्ठा, (डबरालस्यूं),
पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड !!
फोटो साभार --मीडिया !!