गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

चुब्यानी ( मल्ला उदयपुर ) में जितार सिंह बिष्ट व रघुबीर बिष्ट की जंगलेादार निमदारी में काष्ठ कला

सूचना व फोटो आभार - विक्रम सिंह बिष्ट , चुब्यानी Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 24

चुब्यानी ( मल्ला उदयपुर ) में जितार सिंह बिष्ट व रघुबीर बिष्ट की जंगलेादार निमदारी में काष्ठ कला

चु ब्यानी संदर्भ में उदयपुर गढ़वाल , हिमालय की निमदारियों व तिबारियों पर भवन काष्ठ अंकन कला - 3

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी , निमदारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन )/ लोक कला - 24

( चूँकि आलेख अन्य पुरुष में है तो श्रीमती , श्री व जी शब्द नहीं जोड़े गए है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

चुब्यानी मल्ला उदयपुर पट्टी का एक समृद्ध नामी गाँव माना जाता रहा है। चुब्यानी गाँव मुख्यतया चमोला बिष्टों का गाँव है जहाँ कुछ चौहान परिवार भी वास करते थे। कभी 40 परिवार वास करते थे। अब पलायन से सब कुछ खाली ।

चुब्यानी के जितार सिंह बिष्ट व रघुवीर सिंह बिष्ट भाईयों ने सन 1955 में 12 कमरों का जंगलेदार मकान निर्मित किया था। स्थानीय मिस्त्रियों की कला अभी भी दर्शनीय है। सन 1992 केभ्यूंचळ याने भूकंप में मकान ढह गया था तब द्यूराण -जिठाण राजेश्वरी देवी बिष्ट व स्व . सतेश्वरी बिष्ट ने पुनः निर्माण करवाया। प्रसन्नता की बात है कि जितार सिंह व रघुबीर सिंह बिष्ट के प्रवासी पोते मकान की जीर्णोद्धार व देखभाल कर मकान को संभाले हुए हैं।

चुब्यानी में जितार -रघुबीर की निमदारी या जंगलेदार मकान में 6 कमरे नीचे तल मंजिल पर व 6 कमरे पहली मंजिल पर हैं। ऊपरी मंजिल या पहली मंजिल में जंगला है।छत आज टिन की है। जंगले में कुल 9 स्तम्भ है व 8 खोली या मोरी हैं। एक खोली में ऊपर आने का द्वार है जो सीढ़ियों से भूतल से जुड़ा है।

चुब्यानी के जितार -रघुबीर बिष्ट के जंगल के स्तम्भ थांत या क्रिकेट बैटनुमा स्तम्भ हैं (ब्लेड नीचे हत्था ऊपर ) किन्तु हत्था याने ऊपरी भाग ब्लेड से लम्बे है। स्तम्भ ब्लेड के ऊपर कड़ी है और फिर ब्लेड जो छत की काष्ठ छज्जे से मिलते हैं। स्सम्त के नीचे की ब्लेड के दोनों ओर से wood plate जुड़े हैं। स्तम्भ जहां पर नीचे की ब्लेड समाप्त होती है उसी ऊंचाई पर जंगल हैं याने कुल 8 जंगल।

कला दृष्टि से इस भवन पर केवल ज्यामितीय कला ही दृष्टिगोचर होती है। हाँ इसमें कोई शक नहीं बल बनावट व शैली से मकान भव्य रहा है।

कहा जा सकता है कि चुब्यानी में जितार बिष्ट -रघुबीर बिष्ट बंधुओं की निमदारी भले ही काष्ठ कला में अग्रणी न हो किन्तु निर्माण बनावट व शैली व ज्यामितीय कला की दृष्टि से प्रशंसनीय है। सन 1947 के बाद ऐसे ही जंगलेदार मकानों का रिवाज पश्चिम दक्षिण गढ़वाल (उदयपुर , ढांगू , अजमेर ,डबरालस्यूं , लंगूर , शीला ) में आया था। इसी श्रृंखला में मित्रग्राम के दो , गुदुड़ के एक जंगलेदार मकान की चर्चा पहले ही की जा चुकी है और 1947 -1955 समय हिसाब से चुब्यानी में जितार बिष्ट -रघुबीर बिष्ट बंधुओं की निमदारी भव्य कही जायेगी जब धन व संसाधन की बड़ी कमी थी ।

सूचना व फोटो आभार - विक्रम सिंह बिष्ट , चुब्यानी

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

Traditional House Wood Carving Art of, Dhangu, Garhwal, Uttarakhand