तेरी मेरी बात हुई है

बालकृष्ण डी ध्यानीदेवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित


तेरी मेरी बात हुई है

आंखों से बरसात हुई है

(बड़े दिनों बाद) ... २

तेरी मेरी मुलाकत हुई है


खुश हुई है ,उछल पड़ी है

दौड लगा कर वो मुझ से मिली है

रूठी हुई थी बिछड़ी हुई थी

वो ख़ुशी खुश होकर मुझ से मिली है


तेरी मेरी ऐसी शुरुवात हुई है

एहसासों की फिर बरसात हुई है

(बड़े दिनों बाद) ... २

तेरी मेरी मुलाकत हुई है


छाता मैं खोलों या भीग मैं जाऊं

कैसे जतलाऊँ कैसे उनको बताऊँ

देख तुम्हे आंखें खुली रह गई है

चुप के नजरें नजरों से बयाँ कर गई है


तेरी मेरी बात हुई है .... ३



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