गौं गौं की लोककला

मलारी गाँव (चमोली गढवाल ) में पंच नाग भक्त की निमदारी में काष्ठ कला , अलंकरण , लकड़ी पर नक्कासी

सूचना प्रेरणा सूत्र : सुशील बलोदी , झटरी , .

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 216

मलारी गाँव (चमोली गढवाल ) में पंच नाग भक्त की निमदारी में काष्ठ कला , अलंकरण , लकड़ी पर नक्कासी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्काशी - 216

House Wood Carving Art from Malari , Chamoli

(अलंकरण व कला पर केंद्रित )

संकलन - भीष्म कुकरेती

सीमावर्ती गाँव मलारी के कुछ भवनों की फोटो अवश्य मिली हैं किन्तु स्वामित्व की कोई सूचना न मिल सकने के कारण मकानों को संख्या नाम दे दिया गया है या अलग सा नाम दे दिया है I

आज मलारी में भवन संख्या 3 याने पंच नाग के एक भक्त के भवन में काष्ठ कला, काष्ठ अलंकरण अंकन /लकड़ी पर नक्कासी पर चर्चा होगी .

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त का यह मकान पुरातन शैली का मकान है . मलारी का यह मकान ढाईपुर (1+1 +1/2 मंजिल ) शैली का है व दुखंड /तिभित्त्या ( आगे पीछे दो कमरों के मध्य एक भीत या दीवाल ) हैI व मकान के पहली मंजिल में निमदारीके जंगले शायद चारों ओर है नही तो दो ओर तो दिख ही रही है I

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त के मकान के तल मंजिल में कमरे के दरवाजे व खिड़की पर ज्यामितीय कटान के अतिरिक्त किसी प्राकृतिक, माविय अलंकरण के चिन्ह नही दिखे हैं .

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त के मकान के पहली मंजिल में लकड़ी का छज्जा है व छज्जे की आधार कड़ी व उपरी कड़ी के मध्य गोलाई लिए पत्तेनुमा (जैसे तिमल के या कंडार के पत्ते हों ) की आकृतियाँ स्थापित हैं I जिस ओर से भवन दिख रहा है उस ओर कम से कम सामने 30 पत्ते आकृतियाँ लटकीं (? ) या स्थापित हैं व उतने ही पत्तियाँ पीछे भी हैं I इन पत्तियों को धन से देखने से अनुमान लगाया जा सकता है कि पत्ती आकृतियों में धार्मिक या प्राक्रतिक आकृति अंकित रही होगी I

पहली मंजिल में छज्जे के आधार की उपरी कड़ी पर स्तम्भ कसे गये गये हैं I स्तम्भ के अध्हर पर ढाई तीन फिट की ऊँचाई तक दोनों ओर काष्ठ पट्टिकाएं संलग्न है जिससे स्तम्भ आधार मोटा दिखाई देता है I स्तम्भ इस ओर से तो सीधे व छपरिका के कड़ी से मिल जाते हैं I किन्तु मकान के दूसरी ओर स्तम्भ के मिलण की कड़ी के उपर काष्ठ पट्टिका है जिस पर अलंकरण के चिन्ह दृष्टिगोचर हो रहे हैं I स्तम्भों में सर्पिल बेल बूटे के अलंकरण अंकन के चिन्ह भी दिखाई देते हैं I

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त के निमदारी की विशेषता यह है कि छज्जे के आधार कड़ी से एक फीट उपर एक कड़ी है व एक या डेढ़ फीट उपर दूसरी कड़ी है . इन कड़ीयों के मध्य दोनों खंडों में हर ख्वाळ में 30 याने (एक ख्वाळ में 60 ) हुक्का नै आकृति लगी हैं जैसे गमशाली के भवन संख्या 3 (यह भी पंच नाग भक्त की है ) में निमदारी की रेलिंग में भी हुक्के की नै जैसी आकृतियाँ लगी हैं जब कि मलारी की राशन दुकान निमदारी में बेलन नुमा आकृतियाँ लगी हैं I ये हुक्का नै आकृतियाँ सुन्दरता वृद्धिकारक हैं I

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त के मकान की एक अन्य विशेषता बरबस ध्यान खींचती है और वह है ढाई पुर के ढलवां छत के आधार पट्टिका /पटला से बाहर एक नक्कासी दार तोरण नुमा आकृति I तोरण में तिपत्ती नुमा मेहराब या चाप हैं व मकान के मूंड (सबसे उपर केंद्र ) बरछानुमा आकृति लटकती नजर आ रही है I संभवतया यह आकृति धार्मिक /आध्यात्मिक प्रतीक है I

मलारी (चमोली ) के पंच नाग के एक भक्त के ढाई पुर (निमदारी ) युक्त मकान में सभी तरह के अलंकरण /कला अंकन हुआ है .

मलारी व गमशाली चमोली गढवाल के एक ही क्षेत्र के गाँव हैं और उनकी निम दारियों में अद्भुत साम्यता है तो दोनों गाँवों में हर निमदारी की अपनी विशेष विशेषता (Exclusivity) है I

सूचना प्रेरणा सूत्र : सुशील बलोदी , झटरी , .

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020