कख हर्चिगि मेरा पुराणा गौं

(कख हर्चिगि मेरा पुराणा गौं(अब नि दिख़ेंदा भैजि तेरा सौं ).... २) .... २
(कुडियों मां पठाली अब नि रैअब त सिमिट सर्या बिछी गे).... २ गौडि न ..... गौडि न भैंसि ना गोठ्यारूअब नि बखेंदि भैजि तेरा सौं
गौडि न भैंसि ना गोठ्यारूअब नि देख़ेंदि भैजि तेरा सौं
कख हर्चि नि मेरा पुराणा गौंअब नि दिख़ेंदा भैजि तेरा सौं
कख गयी याद बचपन कि... २दारा पंधेरयूं मां ज्वनि हैंस्दी... २अतणु ..... (अतणु मौछारयूं गैल गैल्याणुअब नि ख्येंदा भैजि तेरा सौं).. २
कख हर्चिगि मेरा पुराणा गौं(अब नि दिख़ेंदा भैजि तेरा सौं
उत्तराखंडी भाषा को बढावा देने के लिये चल चित्र के निचे गीत लिखा है बस उत्तराखंड मनोरंजन तुम थै कंण लग जी?बालकृष्ण डी ध्यानीदेवभूमि बद्री-केदारनाथ