गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

खमण में जनार्दन कुकरेती के डंड्यळ में काष्ठ कला /अलंकरण

सूचना फोटो आभार - बिमल कुकरेती , राजेश कुकरेती, खमण

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 56

खमण में जनार्दन कुकरेती के डंड्यळ में काष्ठ कला /अलंकरण

खमण में तिबारियों , निमदारियों /डन्डीयालों म/ जंगलेदार मकान में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण -2

ढांगू गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों / जंगलों पर काष्ठ अंकन कला

दक्षिण पश्चिम गढ़वाल (ढांगू , उदयपुर , डबराल स्यूं अजमेर , लंगूर , शीला पट्टियां ) तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण -35

गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 56

संकलन - भीष्म कुकरेती

खमण एक विशेष गाँव है जो भौगोलिक हिसाब से डबरालस्यूं में है किन्तु राजनैतिक सीमारेखा अनुसार मल्ला ढांगू में है। चक्रधर कुकरेती (कुकरेती वंशावली प्रसिद्ध ) खमण डाबरालों द्वारा दान में कुकरेतियों को दिया गया था तो खमण को मल्ला ढांगू याने कुकरेती गाँव माना जाता रहा है। गुरु राम राय दरबार , देहरादून के महंत स्व इंदिरेश चरण दास (श्रीधर कुकरेती ) की जन्म स्थली भी खमण ही है।

सूचना व फोटो आभार : बिमल कुकरेती व राजेश कुकरेती खमण

सम्प्रति जांदरदन कुकरेती के डंड्यळ पर चर्चा हो रही है। खमण में कुछ इस मकान को 'तिबारी' कह कर भट्याते हैं तो कुछ डंड्यळ '. जनार्दन कुकरेती का यह तिबारी / डंड्यळ वाला मकान तिभित्या मकान याने दुखंड (एक कमरा अंदर व एक बहार की और ) मकान है व पहली मंजिल पर दो कमरों के मध्य दीवार न रख बाहर काष्ठ स्तम्भ लगाकर तिबारी रूप दे दिया गया है।

चार सम्भव वाले इस तिबारी में केवल ज्यामितीय काष्ठ कला दृष्टिगोचर होते हैं। यहाँ तक की स्तम्भ शीर्ष पट्टिका भी आयताकार व अलकंरण विहीन है। निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि पहली मंजिल पर बरामदा /डंड्यळ निर्माण हेतु ही काष्ठ स्तम्भ प्रयोग हुए हैं और स्थानीय काष्ठ कलाकारों ने ही स्तम्भ बिठाये होंगे।

ढांगू , उदयपुर , डबराल स्यूं में कला या अलंकरण बिहीन तिबारियों का होना सामन्य बात थी क्योंकि बरामदा को आकार देने हेतु स्तम्भ बिठाये जाते थे व पहली मंजिल का बरामदा बैठक /conferences / या शादी वविवाह में पौणो /मेहमानों को ठहराने हेतु काम आता था। जनार्दन कुकरेती की यह तिबारी /डंड्यळ भी बैठक थी विशेषतः जब जनार्दन कुकरेती ग्राम प्रधान थे।

सूचना फोटो आभार - बिमल कुकरेती , राजेश कुकरेती, खमण

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020