गौं गौं की लोककला

कंडारागढ़ी (रुद्रप्रयाग ) के महेशा नंद गैरोला के मकान की तिबारी में काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार: प्रसिद्ध नाट्य कर्मी डा राकेश भट्ट

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 217

कंडारागढ़ी (रुद्रप्रयाग ) के महेशा नंद गैरोला के मकान की तिबारी में काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , छाज कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी- 217

Traditional House wood Carving Art of Kandara garh, Kandara , Rudraprayag

संकलन - भीष्म कुकरेती

तिबारियों , खोलियों की दृष्टि से रुद्रप्रयाग जनपद भाग्यशाली जनपद है। रुद्रप्रयाग जनपद से कई तिबारियों , खोलियों की सूचना मिली हैं। इसी क्रम में प्रसिद्ध नाट्यकर्मी डा राकेश भट्ट ने कंडारागढ़ी (कंडारा , चंद्रपुरी , रुद्रप्रयाग ) से महेशा नंद गैरोला की तिबारी की सूचना भेजी है।

कंडारा गढ़ी (रुद्रप्रयाग ) के प्रस्तुत महेशा नंद गैरोला के मकान की तिबारी पहली मंजिल में लकड़ी के छज्जे के ऊपर तिबारी स्थित है। चौखम्या -तिख्वळ्या (चार स्तम्भ व तीन ख्वाळ ) तिबारी के प्रत्येक स्तम्भ छज्जे पर पत्थर चौकोर डौळ में टिके हैं। पत्थर डौळ के ऊपर सिंगाड़ (स्तम्भ ) का आधार कुम्भी रूप में है जो अधोगामी (उल्टा ) कमल दल से बना है , जिसके ऊपर उर्घ्वगामी (सीधा ) कमल दल है व यहां से स्तम्भ लौकी आकार लेकर ऊपर बढ़ता है. जहां पर सिंगाड़ (स्तम्भ ) की मोटाई सबसे कम है वहां पर उल्टा कमल दल उभरता है जिसके ऊपर ड्यूल है व ऊपर सीधा कमल दल हैं। यह बात ध्यान देनी होगी कि सब कमल पंझडियों के ऊपर तीर के पीछे भाग के जैसी पत्तों का अंकन हुआ है। जहां सिंगाड़ लौकी शक्ल है वहां भी यही आकृति ( तीर पच भाग या फर्न नुमा ) अंकित है।

ऊपर सीधे कमल दल के ऊपर एक आधार है जहां से स्तम्भ ऊपर मुरिन्ड से थांत (cricket bat blade ) आकृति लेता है किंतु तीन चौखट रूप में। यहीं से मेहराब भी शुरू होता है जिसके ऊपर भी प्राकृतिक कला अंकन हुआ है।

जितनी सूचना व फोटो मिली है उससे अंदाज लगता है कि मेहराब के स्कंध में भी आम गढ़वाली तिबारियों जैसे ही फूल आदि होंगे।

अभी बाकी सूचना की प्रतीक्षा है।

सूचना व फोटो आभार: प्रसिद्ध नाट्य कर्मी डा राकेश भट्ट

* यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी . मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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