उत्तराखंड में चोरु के उपयोग और इतिहास
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उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --44
आलेख : भीष्म कुकरेती
Botanical Names - Angelica glauca/ Angelica archangekica
Common Name- Holy Ghost
संस्कृत -चांदा , चोरका , ग्रंथिपर्ण ,क्षेमका , तस्कारा
हिंदी -चोरा , चोरु
गढ़वाली -कुमाउंनी नाम - चोरु /गन्धरायण
चोरु 2500 -3700 मीटर की उंचाई पर पाई जाती हैं।
चोरु का मुख्य उपयोग दवाओं में होता है। चोरु की जड़ों के पेस्ट से पेट खासकर कब्ज की बीमारियों के उपचार आदि के लिए उपयोग होता है (भगवती उनियाल,विनोद भट्ट ,वंदना शिव ) तथा जुकाम आदि ठीक करने के लिए भी होता है (राजिव कुमार वशिष्ठ आदि ) ।
चोरु के जड़ों से सब्जी का उपयोग भी होता था और जड़ों के सुगन्धित पदार्थ को भोजन में डालने से भोजन को सुंगंधित बनाया जाता है /था
राजिव कुमार वशिष्ठ आदि के अनुसार Angelica archangekica का नेटिव /जन्मस्थान ऑस्ट्रिया , जर्मनी , रूस , हंगरी , डेनमार्क का क्षेत्र है। कुछ वैज्ञानिक जैसे डा सक्सेना सीरिया को Angelica archangekica का जन्म स्थान मानते है।
Angelica glauca का जन्मस्थान हिमालय ही है।
Angelica glauca/Angelica archangekica प्रजातियाँ विनाश होती प्रजातियों में मानी जा रही हैं।
Copyright @ Bhishma Kukreti 27/10/2013