रोज-रोज दाल खाते-खाते अगर आप बोर हो गए हैं तो पालक का कापा आपके लिए एक अच्छा व्यंजन है। उत्तराखंड में कापा-भात बड़े ही चाव से खाया जाता है। वैसे तो कापा आप देसी पालक से भी बना सकते हैं लेकिन पहाड़ी पालक इसके स्वाद को दोगुना कर देता है। पालक के गुणों से तो आप परिचित होंगे ही, तो चलिए बनाते हैं पालक का कापा।
सबसे पहले पालक को धोकर मोटा-मोटा काट लें।
अब लोहे की कढा़ई में देसी घी डालकर जीरा, खड़ी मिर्च और हींग मिला दें। जब वह तड़कने लगे तब पालक डालकर पकाएं।
अब एक कटोरे में चावल का आटा लें और इसमें पानी डालकर घोल बनाएं। ध्यान रहे घोल एकसार हो।
घोल को पालक के साथ मिला दें। ऊपर से हल्दी और गर्म मसाला डालें।
बीच-बीच में चलाते रहें जिससे ये कड़ाही ना पकड़ ले। कापा गाढ़ा होने तक पकाएं (लगभग 10 मिनट)।
पालक का कापा खाने का मजा तो चावल के साथ ही आता है लेकिन आप चाहें तो इसे रोटी के साथ भी परोस करते हैं।