गौं गौं की लोककला

श्रीकोट (मायापुर, चमोली) में मलासी परिवार की भव्य निमदारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्काशी

सूचना व फोटो आभार :प्रदीप मलासी

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 190

श्रीकोट (मायापुर, चमोली) में मलासी परिवार की भव्य निमदारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला अलंकरण अंकन, नक्काशी - 190

(अलंकरण व कला पर केंद्रित)

संकलन - भीष्म कुकरेती

(पैनोरामिक फोटो)

मूलतः पौड़ी गढ़वाल के पयासु (कळजी खाल ब्लॉक ) गाँव के प्रवासियोंकी श्रीकोट (मायापुर , चमोली ) में प्रसिद्ध निमदारी है। पंडित रत्नमणि मलासी व्यापार हेतु चमोली क्षेत्र में आये थे और यहीं चमोली में बस गए। पहले कोई और ठौर था अब श्रीकोट में ही मलासी परिवार का ठौर है।

श्रीकोट (मायापुर , चमोली ) में प्रस्तुत मलासी परिवार का मकान दुपुर , दुखंड /दुघर्या मकान है। श्रीकोट (मायापुर , चमोली ) में मलासी परिवार के मकान में निमदारी पहली मंजिल में स्थापित है।

निमदारी में 21 से अधिक स्तम्भ /खां हैं जो मकान को भव्यता प्रदान करते हैं। श्रीकोट (मायापुर , चमोली ) में मलासी परिवार की निम दारी के स्तम्भ आधार की कड़ी से शुरू होकर ऊपर की कड़ी से मिल जाते हैं। स्तम्भों के आधार पर दोनों ओर काष्ठ पट्टिका लगी हैं जो स्तम्भ को मोटाई प्रदान करते हैं। स्त्तम्भ के आधार पर रेलिंग्स हैं ऊपरी रेलिंग आधार से से डेढ़ फ़ीट ऊपर है तो नीचे की रेलिंग आधार पर है। रेलिंग में ज्यामितीय आकृति (X I X ) जंगला फिट किया गया है।

श्रीकोट (मायापुर , चमोली ) में मलासी परिवार के मकान की निमदारी व मकान के अन्य भागों में कुल मिलाकर ज्यामितीय कला का प्रदर्शन होता है व स्तम्भों की संख्या भवन को भव्यतम दर्जा दिलाने में सक्षम है

सूचना व फोटो आभार :प्रदीप मलासी

यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत संबंधी . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: वस्तुस्थिति में अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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