गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

बडनेरा (डोईवाला ) में श्रीमती मालती रावत की आलीशान तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण

सूचना व फोटो आभार : सुरेंद्र कुमार , बडनेरा (डोईवाला )

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 70

बडनेरा (डोईवाला ) में श्रीमती मालती रावत की आलीशान तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण

देहरादून , गढ़वाल में तिबारी , निमदारी , जंगलेदार मकानों में काष्ठ कला , अलंकरण -1

गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला अलंकरण - 70

(लेख अन्य पुरुष में है अतः श्री , जी उपयोग नहीं है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

श्रीमती मालती रावत उत्तराखंड के गाँधी इंद्र मणि बडोनी की प्रबल समर्थक थीं। उनकी तिबारी बडनेरा (डोईवाला ) में नामी तिबारी थी जिसे अब उखाड़ कर पुनः बिठाया जा रहा है। तिबारी तल मंजिल पर ही बिठाई जा रही है। तिबारी में चार काष्ठ स्तम्भ हैं व ढाई फुट ऊंची दीवाल के ऊपर आधारित हैं , चार स्तम्भ तीन मोरी /द्वार /खोळी बनाते हैं। स्तम्भ के शीर्ष से तोरण का एक भाग निकलर दूसरे स्तम्भ के अर्ध मंडल से मिलकर मेहराब या तोरण बनाते हैं।

प्रत्येक स्तम्भ का कुम्भी चौकोर संगमरमर की चौकी में टिके हैं। कुम्भी अधोगामी कमल दल से बनी है और हर दल में फर्न पत्ती जैसे उत्कीर्णन हुआ है जो नयनाभिरामी है। स्तम्भ कुम्भी के ऊपर डीला है जिस पर भी बेल बूटे उत्कीर्ण हुए हैं। डीले के बाद ऊपर की ओर उर्घ्वगामी कमल पुष्प दल हैं जिनके दलों पर भी फर्न नुमा नक्कासी की गयी है। इस उर्घ्वगामी कमल पुष्प दल के ऊपर स्तम्भ की मोटाई कम होती जाती है याने स्तम्भ का शाफ़्ट। शाफ़्ट पर भी प्राकृतिक /बेल बूटे नुमा नक्कासी carving हुयी है। स्तम्भ शाफ़्ट की जहां पर सबसे कम मोटाई है वहां से अधोगामी पुष्प दल मिलते हैं व उन दलों में भी फर्न की पत्ती नुमा नक्कासी हुयी है। अधोगामी कमल के ऊपर नक्कासी युक्त डीला है जहां से उर्घ्वगामी कमल दल शुरू होते हैं और प्रत्येल कमल दल में फर्न नुमा नक्कासी हुयी है। प्रत्येक स्तम्भ के कमल दल का फूल शीर्ष की बौळी (पट्टिका ) से मिल जाते हैं. . स्तम्भ शीर्षो को तोरण पट्टिकाएं जोड़ती है और नयनाभिरामी छवि प्रदान करते हैं। तोरण /arch / मेहराब तिपत्ति अकार की हैं हाँ मध्य में तीखा आकर है। तोरण /arch /मेहराब की पट्टिकाओं पर सुंदर प्राकृतिक पत्तियां व फूल उत्कीर्ण हुए हैं।

पहाड़ों की तिबारी व बडनेरा में श्रीमती मालती रावत की तिबारी में एक मुख्य अंतर् है कि श्रीमती मालती रावत की तिबारी स्तम्भों के मध्य पहाड़ों से अधिक अंतर् है।

बडनेरा में श्रीमती मालती रावत की तिबारी में प्राकृतिक /वानस्पतिक व ज्यामितीय अलंकरण सुंदर है। अभी तिबारी जितनी फिट की गयी है उसमे कोई मानवीय व दार्शनिक (नजर उतरने वाली आकृति या देव मूर्तिमुर्ति आकृति ) नहीं दिख रही है।

श्रीमती मालती रावत की तिबारी में अलंकरण व उत्कीर्णन से कहा जा सकता है बल बडनेरा में श्रीमती मालती रावत की तिबारी एक भव्य तिबारी है।

सूचना व फोटो आभार : सुरेंद्र कुमार , बडनेरा (डोईवाला )

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