म्यारा डांडा-कांठा की कविता
© श्वेता राणा
© श्वेता राणा
राउमावि पाला कुराली
राउमावि पाला कुराली
जखोली रूद्रप्रयाग
जखोली रूद्रप्रयाग
सैरु बजारू जैक सि
सैरु बजारू जैक सि
सैरु बजारू जैक सि,
जींस पैंट पैन्ना छिन,
गौं छोडी जु सैर चल्यां,
बौडी नि औणा छिन।
सैर बजार मा जांणा,
गौं कि हवा पांणी बिसन्ना,
द्वी दिन गौं ऐक,
धांण्या टैम,
सरपट्ट भाजणां।
गौं छोडी सैर जयां,
अंग्रेजी स्कूल पंढणां,
सैर मा जरा ख्वोटु क्या धर्लि,
ऐंछा ऐंचि छिन द्येंखणा।
सैर जांणो बानू पढै कु,
गौं वौळा लगणां गंवार,
हाथ खुट्टा भ्वीं क्या धर्लि त,
खराब हवैगि साज स्रृंगार।