उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास भाग -64

उत्तराखंड परिपेक्ष में भिलमोरी /चंगेरी की सब्जी ,औषधीय व अन्य उपयोग और इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास -22

उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास --64

उत्तराखंड परिपेक्ष में भिलमोरी /चंगेरी की सब्जी ,औषधीय व अन्य उपयोग और इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में जंगल से उपलब्ध सब्जियों का इतिहास -22

उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --64

आलेख : भीष्म कुकरेती

Botanical name- Oxlis corniculata

Common Name -Wood Yellow Sorrel

उत्तराखंडी नाम -भिलमोरी , चिलमोरी

संस्कृत नाम -चंगेरी , अम्लपत्रिका

हिंदी नाम - अमरूल . अम्बिलोसा

रहन सहन -एक शीघ्र फैलने वाली लतायुक्त खर पतवार है जो 1300 -2200 मीटर ऊँचे स्थलों में उगती है। इसके पत्ते गहरे हरे व फूल पीले होते हैं। भिलमोरी /चंगेरी की लता जमीन के समांतर 10 इंच तक जा सकता है।

भिलमोरी /चंगेरी जन्मस्थल यूरोप है। उत्तराखंड समेत भारत में कई सदियों से चंगेरी का उपयोग होता ा रहा है।

चरक संहिता , सुश्रुवा संहिता में चंगेरी /भिलमोरी को दस्त , रक्तस्राव में औषधीय उपयोग का उल्लेख हुआ है। इसी तरह भावप्रकाश , मदनपाल , कैयदेव , राज , धन्वंतरि आदि निघंटुओं में चिलमोरि का उल्लेख है।

चंगेरी /भिलमोरी का उपयोग यकृत संबंधी रोगों में भी होता है।

भिलमोरी /चिचोड़ा की भाजी

भिलमोरी /चंगेरी के पौधे पौधे में ऑक्सेलिक ऐसिड प्रचुर मात्रा में पाया जाता है , इसलिए भिलमोरी /चिचोड़ा का स्वाद खट्टा , कुछ अनोखे तीखेपन लिए होता है। विटामिन C बहुत होता है किन्तु अधिक खाने से शरीर के कैल्सियम पर बुरा प्रभाव पड़ सकता हैं। यही कारण है कि भिलमोरी /चंगेरी का उपयोग कम होता है।

लता सहित पत्तियों सब्जी वैसी बनाई जाती है जैसे मरसू , राइ की का बनाया जाता है।

गरम कढ़ाई में तेल गरम करने के बाद जख्या छौंकने के बाद थिंचे लहसुन को थोड़ा सा भूनने के बाद भिलमोरी /चिचोड़ा की पत्तियों को डंठल सहित मसालों के साथ पकाया जाता है।

भिलमोरी /चंगेरी पत्तियों के पहले उबालकर मरसू की सब्जी जैसी सब्जी भी बनाई जाती है।

भिलमोरी /चंगेरी के खट्टे स्वाद , कुछ अनोखे तीखेपन के कारण किन्ही अन्य सब्जियों में स्वादवृद्धि के लिए भी उपयोग होता है।

यदि आवश्यकता पड़ जाय तो झंगोरा के पीठ या मक्के के आटे के साथ भिलमोरी /चंगेरी/ चिचोड़ा का कफिल /धपड़ी भी बनाई जाती है जिसे अन्य महाद्वीपों या देसों में सूप कहा जाता है।

मुख्यत: यह वनस्पति अकाल या सब्जी की कमी वाले मौसम की सब्जी है।

भिलमोरी /चिचोड़ा का शरबत

चंगेरी /भिलमोरा का स्वाद नीम्बू जैसा होता है। पत्तियों को धो कर दस मिनट तक उबाला जाता है। फिर पत्तियों को पीसकर शरबत बनाया जाता है .

Copyright @ Bhishma Kukreti 21 /11/2013