सादर शुभ संध्या प्रिय मित्रों.. 🙏🌹
पिछले एक दो दिनों से सोशल मीडिया पर स्वदेशी और आत्मनिर्भर जैसे जुमले बहुत सुनाई दे रहे थे.. तो मैंने भी अपनी कलम चला दी.. समाद फरमाएं..
"अपना ले संस्कार स्वदेशी !"
चाऊमीन, बर्गर खूब खा लिए,
पिज्जा,नूडल्स बहुत पचा लिए,
मोमोज, टिक्की, स्प्रिंग-रॉल से
सेहत के संग खूब खेल लिए !
शुद्ध है आर्यावर्त की माटी,
खाता है क्यों जहर विदेशी
खा ले बेटे माल स्वदेशी !!
जीन्स-टॉप, अब बहुत हो गया,
कैबरी, प्लाजो बहु पहन लिया,
बरमूडा ने किया मूड ऑफ,
पोनी, बेबी-कट ने डस लिया !!
शुद्ध कपास के वस्त्र यहाँ हैं,
बन जा, हिंदुस्तानी वेशी,
पहन ले बेटे माल स्वदेशी !!
टेडी डे तू खूब मनाता,
चॉकलेट डे पर जश्न मनाता,
रोज डे और किस डे भी तो,
हग डे पर भी धूम मचाता,
बेलेंटाइन दिवस छोड़कर,
कर ले घर से प्रीत जरा सी,
मना ले सब,त्यौहार स्वदेशी !!
अपना ले संस्कार स्वदेशी !
अपना ले संस्कार स्वदेशी !!