गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

कुमार्था (उदयपुर ) में बिष्ट परिवार की तिबारी /निमदारी में काष्ठ कला -1

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र असवाल Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 31

कुमार्था (उदयपुर ) में बिष्ट परिवार की तिबारी /निमदारी में काष्ठ कला -1

उदयपुर पट्टी संदर्भ में लैंसडाउन , दक्षिण गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों पर काष्ठ अंकन कला -4

Traditional House wood Carving Art of West Lansdowne Tahsil (Dhangu, Udaypur, Ajmer, Dabralsyun,Langur , Shila ), Garhwal, Uttarakhand , Himalaya

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 31

Traditional House Wood Carving Art (Tibari) of Garhwal , Uttarakhand , Himalaya - 31

( चूँकि आलेख अन्य पुरुष में है तो श्रीमती , श्री व जी शब्द नहीं जोड़े गए है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

मोहनचट्टी याने शिवपुरी के निकट कुमार्था गाँव से दो तिबारी व दो निमदारी की सूचना वीरेंद्र सिंह असवाल के जरिये मिली।

कुमार्था गाँव कभी कृषि समृद्ध गाँव था किन्तु अब पलायन के मार झेल रहा है और पुस्तैनी भवन या तो उजड़ रहे हैं या उनको उजाड़ कर नए आधुनिक शैली के मकान बन रहे हैं।

बिष्ट परिवार की इस तिबारी में दो प्रकार की काष्ठ कृति दिखाई देती है। एक तो परम्परागत बिन तोरण (arch / मेहराब /चौखट की तिबारी जैसे साइकलवाड़ी में दिनेश कंडवाल बंधुओं की तिबारी . चार चौकोर स्तम्भों से तीन चौकोर मोरी बनी हैं। कुमार्था के बिष्ट परिवार की इस इस तिबारी के बाहर जंगला है जो बहुत कम उदयपुर, ढांगू , लंगूर , अजमेर , डबराल स्यूं में देखा गया है।

तिबारी के स्तम्भ सीधे व चाओकोर हैं इन पर आधार में ही पुष्प नुमा आकृति उत्कीर्ण हुयी है बाकी ज्यामितीय कला ही दिखती है। चारों स्तम्भ के शीर्ष /मुण्डीर में एक दो पट्टियां हैं जिनमे वानस्पतिक कला कृति उत्कीर्ण हैं। चारों स्तम्भ अब बंद दरवाजों से ढके हैं याने तिबारी बंद कर दी गयी है।

तिबारी के बाहर छज्जे में जंगला बंधा है। जंगले पर सात से अधिक स्तम्भ है और प्रत्येक स्तम्भ पर एक तोरण है। बाकी कलाकृति के हिसाब से जंगले में कोई विशेष विशेषता नहीं है।

बिष्ट परिवार की इस तिबारी की विशेषता है कि तिबारी के बाहर काष्ठ जंगला है और बाहर जंगलों में तोरण कला के दर्शन होते हैं।

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र असवाल

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020