गौं गौं की लोककला

मसण ( टिहरी गढ़वाल ) में कुकरेती परिवार की भ्यूंतळ पांचखम्या, छख्वळ्या तिबारी में काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार : प्रसिद्ध 'संस्कृति प्रचारक व फोटोग्राफर' बिक्रम तिवारी

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 208

मसण ( टिहरी गढ़वाल ) में कुकरेती परिवार की भ्यूंतळ पांचखम्या, छख्वळ्या तिबारी में काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्काशी - 208

संकलन - भीष्म कुकरेती

टिहरी गढ़वाल से कई प्रकार के भवन शैलियों की सूचना मिली हैं। आज टिहरी गढ़वाल जनपद के मसण गांव में कुकरेती परिवार की तिबारी में काष्ठ कला व अलंकरण पर चर्चा होगी। मसण गांव में कुकरेती जसपुर ढांगू (पौड़ी गढ़वाल ) से लगभग एक सदी या आस पास स्थानांतरित हुए थे। स्थानांतर के कारणों पर कई लोक कथाएं विद्यमान हैं।

प्रस्तुत मसण गाँव में कुकरेती परिवार की तिबारी में कई विशेषताएँ व भिन्नताएं पाए गएँ है जो गढ़वाल में आम प्रकार की तिबारियों में कम पायी जाती हैं।

मसण गाँव में कुकरेती परिवार की इस तिबारी भ्यूंतळ तिबारी है जब कि गढ़वाल में आम तौर पर तिबारी पहली मंजिल में स्थापित होती हैं (अपवाद ज्याठा गाँव पैनों ) I मसण गाँव में कुकरेती परिवार की तिबारी में दूसरी भिन्नता यह है कि तिबारी चौखम्या के स्थान पर पंचखम्या है ( चार सिंगाड़ की जगह पांच सिंगाड़ ) , तिबारी के स्तम्भ /सिंगाड़ दीवाल से नहीं जुड़े हैं व तिबारी चौख्वळ्या की जगह छख्वळ्या (चार ख्वाळ की जगह छह ख्वाळ) है।

मसण गांव में कुकरेती परिवार की तिबारी में प्रत्येक स्तम्भ कला दृष्टि व आकार दृष्टि से समान हैं। मसण (टिहरी ) गाँव में कुकरेती परिवार की तिबारी के सिंगाड़ बड़ी लंबी पत्थर की देळी (देहरी ) के ऊपर चौकोर पत्थर के डौळ के ऊपर स्थापित हैं। प्रत्येक सिंगाड़ /स्तम्भ के आधार में अधोगामी /उल्टे कमल फूल से कुम्भी बानी है जिसके ऊपर ड्यूल है और ड्यूल के ऊपर उर्घ्वगामी (सुल्टा ) कमल फूल है। कमल फूलों की पंखुड़ियों के ऊपर कुदरती कलम में नक्काशी हुयी है। सीधे कमल दल से सिंगाड़ /स्तम्भ लौकी आकार ले लेता है व ऊपर बढ़ता है. जहाँ पर सबसे कम मोटाई है वहां उल्टा कमल पंखुड़ियां हैं, जिसके आईपीआर ड्यूल है व फिर सीधे खिले कमल फूल की पंखुड़ियां हैं जिसके ऊपर कुछ कुछ चौखट रूपी बिसौण (आधार ) है व यहां से स्तम्भ थांत (Cricket bat blade type ) रूप धारण कर ऊपर मुरिन्ड से मिल जाता है। यहीं से मेहराब भी शुरू हो जाता है। मेहराब बहुस्तरीय है व तिपत्ति रुपीय है। मेहराब के बाह्य स्तर में कला अंकन हुआ है जो बटी स्योंळ की डोर जैसे दिखती है। 6 मेहराब के बाहर ऊपर त्रिभुज में एक एक बहुदलीय सूरजमुखी जैसा फूल है। 6 मेहराब के बाहर बारह त्रिभुज हैं। याने बारह फूल हैं। त्रिभुज में लता जैसे कोई आकृति भी अंकित हुयी है। प्रत्येक त्रिभुज में एक चिड़िया रूप अंकन भी हुआ है थांत के ऊपर भी प्राकृतिक रूप (बेल बूटे ) का अंकन हुआ है।

मसण (टिहरी ) गांव में कुकरेती परिवार की तिबारी का मुरिन्ड ( तिबारी का शीर्ष ) दो चौकोर कड़ियों से निर्मित है व दोनों कड़ियों में पर्ण -लता का सुंदर अंकन हुआ है। मुरिन्ड की कड़ी में मेहराब के केंद्र ऊपर फूल भी अंकित हुआ है । कड़ी ऊपर छत के आधार पर जालीनुमा नक्काशी भी हुयी है।

सूचना व फोटो आभार : प्रसिद्ध 'संस्कृति प्रचारक व फोटोग्राफर' बिक्रम तिवारी

यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I भागीदारों व हिस्सेदारों के नामों में त्रुटी संभव है I

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