गौं गौं की लोककला

घटुडा (दशज्यूला कांडई ) में कांडपाल परिवार की तिबारी में काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी

सूचना व फोटो आभार: अनिल कांडपाल, घटुडा

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 203

घटुडा (दशज्यूला कांडई ) में कांडपाल परिवार की तिबारी में काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी

गढ़वाल, कुमाऊँ , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार मकान , बाखली , खोली , छाज कोटि बनाल ) काष्ठ कला अंकन , लकड़ी नक्काशी-203

संकलन - भीष्म कुकरेती

रुद्रप्रयाग तिबारियों के लिए प्रसिद्ध गाँव माना जायेगा। आज इसी क्रम में घटुडा (दशज्यूला कांडई ), तल्ला नागपुर (रुद्रप्रयाग ) में ज्योतिषाचार्य स्व . अम्बा दत्त कांडपाल द्वारा निर्मित तिबारी में काष्ठ कला अंकन की चर्चा की जायेगी। मकान दुपुर , दुखंड ( दुघर /तिभित्या ) है व खोलीदार है। चूँकि खोली की फोटो नहीं मिल सकी है अतः पहली मंजिल में स्थापित तिबारी की ही विवेचना होगी। तिबारी चौखम्या , तिख्वळ्या (चार स्तम्भ /सिंगाड़ व तीन ख्वाळ ) है। मकान का स्व . अम्बा दत्त कांडपाल के पोते स्व सच्चिदा नंद कांडपाल ने जीर्णोद्धार कराया व पुरानी तिबारी को बिठाया .

प्रत्येक सिंगाड़ (स्तम्भ , खाम ) छज्जे के ऊपर स्थित देळी (देहरी ) पर स्थित है। सिंगाड़ (स्तम्भ ) के आधार की कुम्भी उल्टे कमल पंखुड़ियों से बनी है , कुम्भी के ऊपर ड्यूल है जिसके ऊपर उर्घ्वगामी (सीधा ) कमल दल है। कमल की पंखुड़ियों के ऊपर बेल बूटे अंकित हैं। सीधे कमल फूल के ऊपर सिंगाड़ (स्तम्भ ) लौकी नुमा शक्ल अख्तियार करते ऊपर चलता है. इस दौरान स्तम्भ में धार -गड्ढे (fuet -flitted ) नक्कासी है व गड्ढों पर पर्ण -लता अंकन हुआ है। जहां सिंगाड़ (स्तम्भ ) की सबसे कम मोटाई है वहां अलंकृत उल्टा कमल दल है , उसके ऊपर ड्यूल हैं उसके ऊपर सीधा अलंकरकिट कमल दल है ाव व अलंकृत कमल दल के ऊपर आधार है। इस आधार से सिंगाड़ (स्तम्भ ) दो भागों में बंट जाता है। एक भाग सीधा थांत (cricket bat blade नुमा ) की शक्ल ले लेता है और सीधा मुरिन्ड (शीर्ष कड़ी ) से मिल जाता है। घटुडा (दशज्यूला कांडई ) में कांडपाल परिवार की तिबारी में एक विशेषता (Ecxusivity ) पायी गयी कि थांत के किनारे भी एक एक अंकनयुक्त स्तम्भ है। थांत के दोनों किनारों के स्तम्भ आकार में लघु हैं किंतु कला अंकन में दीर्घ स्तम्भों की हू बहु नकल (true copy ) हैं। जहां से थांत शुरू होता है वहीँ से सिंगाड़ स्तम्भ का आधा मेहराब अर्ध चाप शुरू होता है जो सामने वाले स्तम्भ के अर्धचाप से मिलकर पूरा मेहराब बनाया है। मेहराब तिपत्ति नुमा (trefoil ) है व द्वि तलीय है। मेहराब के ऊपर दोनों त्रिभुजों के किनारे पर एक गेंदा का फूल अंकित है व त्रिभुज में एक चिड़िया फूल को चोंच से छूती आकृति भी अंकित है। चिड़िया की पूँछ मोर की पूँछ जैसे लम्बी है।

घटुडा (दशज्यूला कांडई ) में कांडपाल परिवार की तिबारी के मुरिन्ड (शीर्ष ) की कड़ी में पर्ण -लता अलंकरण अंकन हुआ है।

निष्कर्ष निकलता है कि घटुडा (दशज्यूला कांडई ) में स्व अम्बा दत्त कांडपाल द्वारा निर्मित तिबारी में सभी तरह के तीनो ज्यामितीय , प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण अंकित हुए हैं।

अब स्व अम्बा दत्त कांडपाल के पड़पोते अनिल कांडपाल मकान की देखरेख कर रहे हैं।

सूचना व फोटो आभार: अनिल कांडपाल, घटुडा

* यह आलेख भवन कला संबंधी है न कि मिल्कियत संबंधी . मिलकियत की सूचना श्रुति से मिली है अत: अंतर के लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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