गढ़वाली में पत्थर से सम्बन्धित शब्दावली

गढ़वाली में पत्थर से सम्बन्धित शब्दावली

उरख्याळो/वखळो- (ओखल)

ऐरण- (पत्थर का बड़ा-सा टुकड़ा जिस पर लोहार काम करता है)

ओड्यार/वड्यार- (गुफा)

ओडो/वोडो- (खेतों के बीच में गाड़ा गया विभाजक पत्थर)

कैड़्वांस / फटिंग- (चकमक पत्थर)

कोंडाळी- (पत्थर का बना कटोरानुमा पात्र)

खड़िंजा- (रास्ते को बनाने में खड़े लगाये गए पत्थर)

खरड़- (मसाले या दवाई पीसने का पात्र)

गंगलोड़ा- (नदी के बहाव से बने गोल पत्थर)

गबलु /गाब- (पत्थर के मकानों के निर्माण में दीवार के बीच भरा जाने वाला गारा)

गारा- (बारीक पत्थर)

घंट- (बड़ा पत्थर)

घंतर- (छोटा पत्थर)

घट- (घराट)

घय्या- (पत्थर का छोटा टुकड़ा 'गुत्थी' खेलते समय निशाना साधने के काम आता है)

घुत्तु- (पत्थर को काटकर बनाई गई बड़ी ओखली)

चौंतरो/चौंथरो- (छोटा-सा गोल या समतल पत्थर जो प्रायः चंदन घिसने के काम आता है)

चौंरि- (चबूतरा, पत्थरों की चिनाई करके बनाया गया बैठने का स्थान)

छाजा- (मकान का छज्जा)

छापला- (पतले पत्थर जो बारीक चिनाई के काम आते हैं)

जंदरी- (हाथ से घुमाई जाने वाली अनाज पीसने की चक्की)

जड़घंट- (बहुत बड़ा पत्थर जो आसानी से हिलाया न जा सके)

जाड़- (बडा पत्थर)

डंग्याण- (पथरीला स्थान)

डांग- (बडा पत्थर)

ढंगार- (सीधा खड़ा पथरीला पहाड़)

ढुंगो- (पत्थर)

ढुंग्याण- (पत्थरों वाला स्थान)

दांदा- (खलिहान के चारों ओर लगे खड़े पत्थर)

पठाळ/छपाल- (आंगन में बिछे बड़े टाइलनुमा पत्थर)

पणकट्टा- (पत्थरों की छत पर दो पत्थरों के जोड़ पर रखा गया पतला लंबा पत्थर जो जोड़ पर से पानी को अंदर आने से रोकता है)

पथराड़ो- (पथरीला ढाल)

पळेंथरो/पळ्योण्या- (जिस पत्थर पर दराँती की धार तेज की जाती है)

पातु- (पंदेरे में कपड़े धोने का पत्थर)

पौड़- (पत्थरों की पहाड़ी)

फल्सो- (पत्थरों का बना गेट जिसके छेदों में लकड़ी फंसाई जाती है)

बट्टी- (खेलने के लिए बनी छोटी-छोटी बट्टियां)

मुंडकिला- (भैंस बांधने के लिए प्रयुक्त आंगन में गढ़े पत्थर)

ल्वेड़ी - (सिल पर जिस पत्थर से मसाला आदि पीसा जाता है)

वाड़ि- (मकान में रोशनी के लिए लगाया गया पत्थर)

संगाड़- (पत्थर की चौखट)

सिलोटो- (सिलबट्टा, सिल, मसाला आदि पीसने का पत्थर)

हुळतरा- (चिनाई में जोड़ मारने वाले बड़े पत्थर)

(साभार- हिंदी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश - रमाकान्त बेंजवाल एवं बीना बेंजवाल। आधार- अरविंद पुरोहित)