गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

किमसार में राजेंद्र कंडवाल के जंगलादार मकान में काष्ठ उत्कीर्णन /अंकन कला व अलकरण

सूचना व फोटो आभार : दिनेश कंडवाल , साइकलवाड़ी

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 55

किमसार में राजेंद्र कंडवाल के जंगलादार मकान में काष्ठ उत्कीर्णन /अंकन कला व अलकरण

किमसार में भवन काष्ठ कला अलंकरण भाग - 3

उदयपुर /यमकेश्वर ब्लॉक गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों / जंगलों पर काष्ठ अंकन कला -11

दक्षिण पश्चिम गढ़वाल (ढांगू , उदयपुर , डबराल स्यूं अजमेर , लंगूर , शीला पट्टियां ) तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण 34

गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 55

संकलन - भीष्म कुकरेती

जैसे कि पहले ही लिखा गया बल किमसार यमकेश्वर क्षेत्र का प्रसिद्ध गाँव है व प्राचीन गाँव भी माना जाता है। यहां तिबारियां व जंगल दार कूड़ मकान होना कोई आश्र्चय नहीं है।

राजेंद्र कंडवाल का जंगलेदार कूड़ /मकान भी किमसार को एक छवि वृद्धिकारक रहा है। 15 स्तम्भों /खम्भों /खामों वाले जंगल दार मकान तिभित्या /तीन दीवार याने दुखंड मकान है (एक कमरा बहार व एक अंदर ) किन्तु राजेंद्र कंडवाल के जंगलेदार मकान में तल मंजिल /ground flour के आगे के कमरे खुले हैं और बरामदे में तब्दील किये गए हैं। ऊपरी मंजिल में १२ वस तल मंजिल में ६ कमरे हैं। छजजा अमूनन लकड़ी ही होगा

जंगल के सम्भों में स्तम्भ आधार पट्टिका , स्तम्भ मध्य पट्टिका व शीर्ष बनती पट्टिका (जो छत से जुडी है ) में कोई विशेष प्राकृतिक अथवा मानवीय अलंकरण (motifs ) नहीं दीखते है केवल ज्यामितीय अलंकरण से ही सजावट आयी है , दरवाजों व भी कोई विशेष अलंकरण दृष्टिगोचर नहीं होता है। स्तम्भ शीर्ष में भी थांत पट्टिका आकर के हैं। स्तम्भ आधार इलाका के अन्य जंगलों जैसे ही थांत पट्टिका (bat blade ) जैसे हैं व स्तम्भ थांत पर भी ज्यामितीय कला छोड़ विशेष प्राकृतिक , मानवीय नहीं हुआ है।

बड़ी खड़की होने से लगाना सरल है कि मकान 1960 के बाद ही निर्मित हुआ होगा और कलाकार स्थानीय ही रहे होंगे

एक समय दक्षिण गढ़वाल में जंगलेदार कूड़ों /मकानों का बड़ा प्रचलन रहा है व इन कूड़ों में मालिकों की छवि ही नहीं गाँव की छवि भी वृद्धि की है और राजेंद्र कंडवाल के जंगलदार मकान ने राजेंद्र कंडवाल व किमसार गाँव की छवि वृद्धि में योगदान दिया है।

सूचना व फोटो आभार : दिनेश कंडवाल , साइकलवाड़ी

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020