"स्वीट ड्रीम्स "

वर्ष 2013 की बात है। मैं अौर मेरा सहकर्मी श्रीमान मीणा जी सरकारी दौरे पर उदयपुर गये। हम दिन भर काम समाप्त करने के बाद रात दस बजे होटल पहुँचे । डिनर करने के बाद बिस्तर पर लेटे ही थे कि जनाब मीणा जी ने मोबाइल फोन का नेट चालू कर दिया । फिर शुरु हो गई हर सेंकेड में "टन!! फिर"टन!" ।मीणा जी की अंगुलियाँ भी मोबाइल के की-बटन पर टन टन की स्पीड के साथ दौड़ रही थी।

" अरे यार, मीणा,बंद कर दे यार। आज बहुत काम किया दिनभर , थक गये हैं ।नींद आ रही है । सुबह देख लियो"। मैने उस से कहा।

" बस जी, जरा सबको स्वीट ड्रीमस भेज दूं , सोने से पहले जब तक मैं दोस्तों को स्वीट ड्रीम का मैसेज न भेज दूं । उनके स्वीट ड्रीमस रिसिव न कर लूं मैं सोता नहीं हूँ " उसने सीधा मुझे जबाब दे दिया।

" अब्बे!सुबह भेज दियो मैसेज " मैने छेड़ा।

" क्या बात करते हो सर। स्वीट ड्रीमस का मैसेज सोने पहले भेजना होता है । ऐसा करने से रात को न बुरे सपने नहीं आते हैं व नींद भी अच्छी आती है।" उसने संतुष्टि का भाव प्रकट करते हुए कहा।

अब मैं चुप हो गया। थोडी़ देर में उसका काम पूरा हुआ , बोला " सर धन्यवाद। अब नींद अच्छी आएगी एंव सुन्दर सपने भी।"

तुरन्त दोनो ही कब सो गये पता ही नहीं चला। अचानक मुझे किसी के चिल्लाने की तथा घूं घूं की आवाज सुनाई दी। बत्ती आॅन करी तो रात के तीन बज रहे थे। मीणा जी का एक हाथ सीने पर था अौर वह जैसे रोने की कोशिश कर रहा हो पर आवाज घूं घूं की कर रहा था। मैने उसका हाथ पकड़ा । मैंने जोर से मीणा- मीणा कह कर उसे उठाया।

"क्या हुआ? तबियत ठीक है। मैने पूछा।

"जी सर। बहुत बुरा सपना था। मेरे घर में मुझे चोर डण्डे से मार रहे थे" । वह पूरा सपना सुनाने लगा।

"ले पानी पी। अब कहाँ गये वो तेरे स्वीट ड्रीमस मैसेज। सुन्दर सपने आयेंगे, मैसेज मिलने पर। सब बकबास‌ । आज के बाद जल्दी सो जाया करना बगैर स्वीट मैसेज के" मैंने उसका सीनियर होने के नाते डाटंने के अंदाज में कह ," चल ,सो जा अब। तेरे स्वीट ड्रीम्स ।

"जी सर, सब झूठ बोलते हैं " कहते हुए वह बिस्तर पर नींद के झौंके के साथ लुढक गया।