मांड यानी राइस वॉटर (उबले चावल का बचा हुआ पानी) अपने आप में एक स्वादिष्ट व्यंजन है। एक बार कोई मांड का स्वाद चख ले तो उसका मुरीद बन जाएगा। प्रेशर कूकर के चलन में आने से पहले पहाड़ में जब लोग डेगची या पतीले में चावल पकाया करते थे, तब मांड जरूर पसाया (निकाला) जाता था। ग्रामीण इलाकों में तो आज भी मांड लोगों का प्रिय पेय है। बच्चों में मांड पीने के लिए झगड़ा तक हो जाता है।
जैसे चावल, वैसा मांड। मसलन उखड़ी (असिंचित खुशबूदार चावल) या बासमती जैसे चावल का मांड लाजवाब होता है। अगर ज्वाटू, कफल्या या कल़ौ प्रजाति के चावल का मांड हो तो कहने ही क्या। यह मांड इतना गाढ़ा होता है कि ठंडा होने पर थाली में जम जाता है। आप इसे छुरी से पनीर की तरह छोटे-छोटे टुकड़ों में काट सकते हैं।
मांड को गुड़ या चीनी मिलाकर पिया जाए तो ज्यादा मजा आता है। लेकिन, अगर आप नमकीन मांड पीना चाहते हैं तो धनिया व लहसुन वाला नमक मिलाकर सूप की तरह पियें। पौष्टिकता से लवरेज इस मांड में स्टार्च व विटामिन की भरमार होती है। विटामिट 'बी', 'सी' व 'ई' के अलावा इसमें कॉर्बोहाइड्रेट समेत अन्य खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
सामान्य पेचिश, मरोड़ व आंव में मांड को रामबाण औषधि माना गया है। इसके लिए एक चौड़े बर्तन में गर्मागर्म मांड निकालकर उसमें गुड़, मिश्री व थोड़ा-सा घर का शुद्ध घी मिला लें। बर्तन को कुछ देर इस तरह ढककर रखें कि भाप की बूंदें उसी में गिरें। जब मांड लगभग ठंडा हो जाए तो ढक्कन को हटा दें। आप देखेंगे कि ढक्कन से कटोरे में भाप की बूंदें टपक रही हैं। इस मांड को पीने से दो-तीन दिन में पेचिश व आंव की शिकायत बिल्कुल दूर हो जाती है।
प्रसूति के बाद मां का दूध बढ़ाने में भी मांड का उपयोग पीढिय़ों से होता आया है। इसके लिए सभी तरह के लाल चावल, उखड़ी व बासमती चावल का मांड निकाल लें। इसमें घी व गुड़ डालकर जच्चा को पिलाने से उसके स्तनों में दूध बढ़ जाता है।
मांड में नमक और भुना जीरा मिलाने से अच्छा स्वास्थ्यवर्द्धक पेय तैयार हो जाता है। सूप की तरह उपयोग में लाने के लिए इसमें सूखा पुदीना और सामान्य नमक की जगह काला नमक मिला लें।
मांड बनाने के लिए बड़ी पतीली में चावल को उससे दोगुना ज्यादा पानी में उबाल लें। अच्छी तरह उबाल आने पर पतीली को ढककर आंच धीमी कर दें। करीब दस-बारह मिनट बाद चावल के एक दाने को मसलकर चेक करें। यदि वह आसानी से दब जाए तो उबले पानी यानी मांड को किसी दूसरे बर्तन में निकाल लें। इसे आप गुड़, चीनी अथवा नमक मिलाकर पी सकते हैं।