बस महसूस हुआ
बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
पहले मैंने बस हंसना सीखा
पहले मैंने बस हंसना सीखा
मुझे रोना ना आया
मुझे रोना ना आया
बाद मैंने बस रोना सीखा
बाद मैंने बस रोना सीखा
मुझे हंसना ना आया
मुझे हंसना ना आया
तब मैंने दोनों ना सीखा
तब मैंने दोनों ना सीखा
मुझे जीना ना आया
मुझे जीना ना आया
अब मैंने दोनों सीख लिया
अब मैंने दोनों सीख लिया
मै जीना सीख लिया
मै जीना सीख लिया
संभल कर कैसे रख दूँ
संभल कर कैसे रख दूँ
इसलिए लिख दिया तुम्हे
इसलिए लिख दिया तुम्हे
बहुत खोकर पाया तुम्हे
बहुत खोकर पाया तुम्हे
अब खोना नहीं है तुम्हे
अब खोना नहीं है तुम्हे
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