गढ़वाली में समूह वाचक शब्दावली

गढ़वाली में समूह वाचक शब्दावली

गढ़वाली भाषा की शब्द संपदा समृद्ध है। यहाँ के लोक-जीवन में समूहों के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों की अपनी विशेषता है। समूह के द्योतक इन शब्दों का ज्ञान भी गढ़वाली भाषा के लालित्य से परिचित कराता है।

घासै - गडुळि

ऊनो - पुंजळो

लाखड़्वी - कठगळ

पोथल्वी/चखुल्वी - घिमसाण

बांदर्वी - डार

चाब्या - छुबका

अंगूरा - झुंका

दुबड़ै - गौंछि

नोट्वी - गड्डी

बरात्या - पौंणा

साट्टी - घाण

ठांकर्वी - ग्वऽद

खंदेरो - छलको

छेम्या - झुंकळा

साट्यू - कुनको

ग्वेरों कि - पल्टण

म्वारों का - भ्यऽल

फुलारर्यूं कि - टोलकि

म्वार्यूं कि - घाण

सळो कि - घ्वाड़

बळो कु - थुपड़ो

ढुंगू - चट्टा

मोळै - मरास

साग-भुज्जी लगुल्यो - झिल्ल

बौणे लगुल्यो - झिपल्याण

न्यारो - ठट्ट

साट्यों कि - रास

पराळो - खुम्म/परखुंडो

भण्ड्वी - चळंत

बाखरों कि - रेड़

पुंगड़ू - धऽड़ु

गैण्वी - गुरमळी

लस्यों कु - कुरमळो

माटै - ढांग

भातै - मताळ

कपड़ो - बोदगु

केळो - फिरको

बीड़्यो - बंडल

धागो - लच्छा

किरमल्वी - लूंग

कागजो - रिम

पिसड़्वी - लकदड़

जातरु - जत्था

छुलक्वी - मुट्ट

(साभार- गढ़वाली हिंदी अंग्रेजी शब्दकोश- रमाकान्त बेंजवाल एवं बीना बेंजवाल, संरक्षण आधार- अरविंद पुरोहित)