उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास भाग -37

उत्तराखंड परिपेक्ष में टमाटर का इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 13

उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास --37

उत्तराखंड परिपेक्ष में टमाटर का इतिहास

उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 13

उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --37

आलेख : भीष्म कुकरेती

Botanical Name - Licopersicon esculentum

सन उनीस सौ पिचहतर तक पहाड़ी उत्तराखंड में टमाटर की फसल कम ही उगाई जाती थी। टमाटर की खेती आज भी मैदानी व भाभर क्षेत्र में महत्वपूर्ण खेती मानी जाती है। पहले पहल पहाड़ों में छोटे छोटे टमाटर की जाती उगाई जाती थी।

वस्तुतः टमाटर मूल स्थान पश्चिमी -दक्षिण अमेरिका है जहां 5000 BC में टमाटर कृषिकरण शुरू हुआ।

स्पेनी अन्वेषक हेमन कोर्टस 1521 ईशवी में टमाटर को स्पेन लाये। यहाँ से टमाटर यूरोपीय देशों में फैला। यूरोप में टमाटर के रंग और अन्य कारणों से टमाटर को जल्दी स्वीकृति नही मिली। इटली रिसिपी साहित्य पुस्तक (1692 इ ) में टमाटर का उल्लेख है। सत्रहवीं सदी में ही टमाटर को भोज्य पदार्थ के रूप में यूरोप में स्वीकृति मिली।

दक्षिण अमेरिका में स्पेनी राज्य बाद टमाटर का प्रवेश वेस्ट इंडीज में हुआ। जहां से टमाटर फिलीपाइन पंहुचा और फिर दक्षिण एशियाई देशों में पंहुचा।

जहां तक भारत का प्रश्न है, पुर्तगालियों द्वारा टमाटर का प्रवेश भारत में हुआ। पुर्तगाली कब और कहाँ पहले पहल टमाटर को भारत लाये जैसे प्रश्न का उत्तर अभी तक नही मिल पाया है।

हालांकि असली माने में भारत में टमाटर खाने का प्रचलन ब्रिटिश काल से ही शुरू हुआ।

टमाटर को अभी भी बंगाली में बिलायती बेगून कहा जाता है।

टमाटर उन्नीसवीं सदी में भारत में यूरोपीय लोगों के लिए उगाया जाता था। उस समय टमाटर के प्रजाति आज के मुकाबले कहीं अधिक खट्टी व कसैली थी। भोजन इतिहासकार आचार्य का मानना है टमाटर ने भारत में 1850 के बाद ही प्रवेश किया होगा।

सर जॉर्ज वाट (1889 ) लिखा है कि भारत में टमाटर की खेती अधिकाँशतः ब्रिटिश लोगों के लिए की जाती है। वाट लिखते हैं कि बंगाली टमाटर के खट्टे पन के लिए ही टमाटर का उपयोग करते हैं। याने कि टमाटर को भारत में इसके खट्टेपन के लिए ही प्रोत्साहन मिला होगा।

इस लेखक के अनुमान से भी उत्तराखंड में टमाटर के खेती देहरादून में ही 1815 -1830 ई के बाद शुरू हुआ होगा । रवि मेहता ९ (पीसीएस ) लिखते हैं कि देहरादून (सहारनपुर ) नैनीताल , पौड़ी, लैंसडाउन , रानीखेत में शायद ब्रिटिश अधिकारियों लिए टमाटर उगाया जाता रहा होगा।

उत्तराखंड के पहाड़ों में बीसवीं सदी में ही टमाटर का प्रचलन शुरू हुआ होगा। मैदानी भागों में आम जनता के मध्य बीसवीं सदी में ही टमाटर की खेती शुरू हुयी।

आज उत्तराखंड के पहाड़ी गाँव में भी टमाटर के खेती होती है।

Copyright @ Bhishma Kukreti 17 /10/2013