गौं गौं की लोककला

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी /निमदारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 16

दक्षिण गढ़वाल के गंगा सलाण ( ढांगू , Dabralsyun , उदयपुर , अजमेर , लंगूर , सीला ) में भवन निर्माण संबंधी लोक कला व शिल्प

संकलन - भीष्म कुकरेती

गंगासलाण में कुछ सामन्य या जग जाहिर लोक कलाएं निम्न हैं /थीं -

१-भवन निर्माण लोक कला

भवन काष्ठ कला

खान से भवन छत पत्थर निकलने , काटने व उन्हें इच्छित आकर में छीलने की कला

भवन हेतु खान से अन्य पत्थर निकलने , तोड़ने व इच्छित आकार में तोड़ने की लोक कला

भवन निर्माण हेतु खान से मिट्टी निकलना , मिटटी छानना व मिट्टी गीली करना

मिट्टी में कभी कभी उड़द दाल का पीठ /मस्यट /paste बनाने की कला

भवन निर्माण हेतु foundation डालना

भवन दीवार निर्माण

भवन निर्माण में छत निर्माण

चूल्हा निर्माण

आले बनाना

हथ चक्की बिठाना

सीढ़ी निर्माण

पाषाण छज्जे निकलना व उन्हें बिठाना

भवन के पीछे दीवार जड़ों में रख आदि जोड़ना जिससे बारिश का पानी अंदर दीवारों में न घुसे (यह कल भी है व विज्ञानं भी )

२- भवन निर्माण में काष्ठ कला उपयोग

उपयोगी पेड़ काटना

कटे पेड़ से पट्टियां , स्लीपर्स काटना , कड़ी-बौळी ,पट्टी , पसुण - पटला अदि काटना /निर्माण (आरकसी आदि )

द्वार की देहरी, स्तम्भ - सिंगार। मुरिन्ड (स्तम्भों के की स्टोन ) आदि निर्माण व उन्हें बिठाना व सहूलियत अनुसार कला निरूपण

तिबारियों में काष्ट कलाएं उत्कीर्ण कला

भवन के अंदर कठबड़ या आलमारी बिठाना

भवन अंदर पट्टियां /पटला बिछाना

भवन निमदारी में काष्ठ जंगला निर्माण व उन्हें बिठाना इसी तरह निमदारियों में काष्ठ छज्जे निर्माण व बिठाना

भवन छज्जों को पत्थर की जगह काष्ट के छज्जे बनाना व उन्हें बिठाना

भवन व सीढ़ियों में पटाळ बिछाना

छज्जों व छत के नीचे काष्ठ दास (टोढ़ी ) या पाषाण दास निर्माण व बिठाना

अन्य कई बढ़ई के कार्य जैसे पहली मंजिल से ढैपर हेतु लकड़ी की सीढ़ियां

३- भवनों पर धातु कार्य जोड़ना

४ - लिपाई पुताई

कच्चे बने भवन पर मिट्टी का पलस्तर लगाना

पलस्तर पर काली या लाल , -सफेद (कमेड़ा ) मिट्टी को गोबर में मिलाकर पुताई करना

केवल गोबर से ही पुताई करना

समयांतर बाद घर में या भवन कमरों में लिपाई

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