गौं गौं की लोककला

बजारी कठूड़ , ढांगू गढ़वाल ,संदर्भ में हिमालय की तिबारियों पर काष्ठ उत्कीर्णन अंकन कला- 2

सूचना व फोटो आभार - सतीश कुकरेती (कठूड़ )

हिमालय की भवन काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) -6

हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन )

बजारी कठूड़ में टंखीराम कुकरेती की तिबारी की काष्ठ कला

बजारी कठूड़ , ढांगू गढ़वाल ,संदर्भ में हिमालय की तिबारियों पर काष्ठ उत्कीर्णन अंकन कला- 2

हिमालय की भवन ( तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 6

(चूँकि आलेख अन्य पुरुष में है तो श्रीमती , श्री व जी शब्द नहीं जोड़े गए है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

ढांगू में क्षेत्रफल व जनसंख्या दृष्टि से बजारी कठूड़ एक बड़ा गाँव है।यहां की तिबारियों के मामले में 6 तिबारियों के बारे में सूचनाएं व छायाचित्र सतीश कुकरेती ने भेजी हैं। इनमे से एक तिबारी की फोटो व सूचना टंखी राम कुकरेती की तिबारी के बारे में भी मिली है .

बजारी कठूड़ (मल्ला ढांगू , गढ़वाल, हिमालय ) के टंखीराम की तिबारी कम भव्य तिबारी है।

तिबारी में चार स्तम्भ हैं व ये चरों स्तम्भ तीन खोली /द्वार बनती हैं। दो स्तम्भ दिवार से लगीं है।

प्रत्येक काष्ठ स्तम्भ पत्थर के छज्जे पर स्थापित हैं व आधार पर उल्टा कमल पुष्पदल दृष्टिगोचर होता है , फिर बीच में चारों ओर गोलाई लिए गुटके हैं। गोल गुटका नुमा आकृति से स्तम्भ में फिर से ऊर्घ्वाकार (ऊपर उठता ) कमल पुष्पदल दृष्टिगोचर होते है और इस कमल पुष्प आकृति के बाद स्तंभ सीधा ऊपर चलता है व छत के नीची चौकोर पट्टियों से मिल जाते हैं। छत की पट्टी व कमलाकृति पुष्प के मध्य काष्ठ स्तम्भ में बेल बूटा नुमा आकृतियां अंकित है। छत के नीचे भी चार काष्ठ पट्टियां हैं जिन पर वनस्पति की आकृतियां अंकित है। छत के नीचे चार समानंतर चित्रकारी वाली पट्टियां दिखती हैं।

टंखीराम कुकरेती की काष्ठ तिबारी की मुख्य विशेषता है कि इस तिबारी में कोई मेहराब (arch ) नहीं है जो इस तिबारी को भव्यता दे सके।

स्तम्भों व ऊपर पट्टियों में बारीक कला युक्त अंकन हुआ है। किसी भी भाग में पशु , पक्षी अंकन नहीं दीखता है व कमल को छोड़ कोई चक्राकार आकर में पुष्पदल भी अंकित नहीं हुआ है जो अधिकतर ढांगू अन्य तिबारियों में मिलता है।

तिबारी को काष्ठ उत्कीर्णन कला दृष्टि से साधारण तिबारी ही कहा जायेगा।

अनुमान है कि ऐसी तिबारियों का निर्माण प्रचलन अधिकतर 1940 के पश्चात ही शुरू हुआ।

सूचना व फोटो आभार - सतीश कुकरेती (कठूड़ )

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020