गौं गौं की लोककला

हेरवाल ( टिहरी गढ़वाल ) में मुकुंद सिंह रावत परिवार की भव्यतम जंगलेदार निमदारी में काष्ठ कला अंकन , नक्कासी

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र रावत , हेरवाल

Copyright

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 126

हेरवाल ( टिहरी गढ़वाल ) में मुकुंद सिंह रावत परिवार की भव्यतम जंगलेदार निमदारी में काष्ठ कला अंकन , नक्कासी

गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बलान ) काष्ठ , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी ) 126

संकलन - भीष्म कुकरेती

कुछ समय पहले टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर ब्लॉक में उपली रमौली में हेरवाल गाँव मुकंद सिंह रावत के भव्य जंगलेदार निमदारी के कारण ं प्रसिद्ध था व आज ग्रीन मेन्टोरिंग के संस्थापक वीरेंद्र रावत के कारण भी प्रसिद्ध है। वीरेन्द ररावत मुकंद सिंह रावत के सुपुत्र हैं।

हेरवाल गांव के मुकुंद सिंह रावत का जंगलेदार निमदारी दुपुर है दुखंड / तिभित्या है। इस मकान में पहली मंजिल पर आने के लिए बाहर से सीढ़ियां हैं। मकान 24 कमरों का भव्य मकान है। तल मंजिल में 5 काष्ठ से बंद बरामदे हैं व काष्ठ पर सलीकेदार ज्यामितीय कला अंकन /नक्कासी के साफ़ साफ़ दर्शन होते हैं। इसी तरह पहली मंजिल पर भी 5 काष्ठ/लकड़ी से बंद बरामदे या डंड्यळ /बैठक हैं व उन दरवाजों में लकड़ी की ज्यामितीय नक्कासी बार बार आँखों को आकर्षित करती है।

पहली मंजिल में छज्जे में निमदारी फिट है। छज्जे के ऊपर 21 स्तम्भ खड़े हैं जो सीधे छत आधार पट्टिका से मिलते हैं। निमदारी के 21 के 21 स्तम्भ वास्तव में आम तिबारियों के स्तम्भ से लोहा लेते हैं। प्रत्येक स्तम्भ के आधार में ऊँचा लम्बा लटका कमल फूल जैसा है , इस आधार के ऊपर ड्यूल है फिर कुछ कुछ सीधे खिले कमल फूल की आकृति में स्तम्भ है, यहां से स्तम्भ की गोलाई में मोटाई कम होती जाती है व जहां पर सबसे कम मोटाई है वहां फिर ड्यूल है व सीधा लघु पद्म दल आकृति है व वहां से स्तम्भ दो भागों में बंट सा जाता है। स्तम्भ का सीधा भाग स्तम्भ थांत (bat blade type ) की आकृति धारण कर ऊपर शीर्ष /मुरिन्ड /मथिण्ड से मिल जाता है। दूसरी ओर मेहराब के एक चाप का हिस्सा बनता है जो आगे जाकर दुसरे स्तंम्भ के अर्ध चाप से मिलकर पूरा मेहराब या तोरण (arch ) बनता है। मेहराब तिपत्ति (trefoil ) नुमा है व मेहराब के बाहर त्रिभुज आकृति में पर्ण -लता (पत्तियां -लता या फूल /बेल बूटे ) की नक्कासी हुयी है। संभवतया त्रिभुजा कार आकृति के किनारों पर एक एक फूल भी खुदा था। मेहराब व स्तंभ थांत ऊपर छत आधार पट्टिका से मिलते हैं। छत आधार पट्टिका व भर की ओर वर्षा बचो पट्टिका में भी कलाकारी हुयी है व मकान की सुंदरता बढ़ाने में कामयाब हुए हैं।

स्तम्भ के दो दो फिट ऊंचाई तक लकड़ी की ही रेलिंग लगी है। व आँखों को आकर्षित करने वाला ज्यामितीय जंगला भी सधा है।

निष्कर्ष निकलता है कि टिहरी गढ़वाल के हेरवाल गांव में मुकुंद सिंह रावत परिवार की निमदारी भव्यतम निमदारियों में गिनी जाएगी जो आकर में बड़ी तो है ही स्तम्भों में नक्कासी की दर्शनीयता से भी नायब से नायब निमदारी मानी जाएगी।

शिल्प का नयनाभिरामी नमूना है मुकुंद सिंह रावत परिवार की भव्यतम निमदारी। मकान के शिल्पी व लकड़ी के शिल्पकार किस गाँव के थे के बारे में अभी तक सूचना नहीं मिल सकी है।

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र रावत , हेरवाल

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020