गौं गौं की लोककला

श्रीकोट (देवप्रयाग ) में एक भव्य मकान में निमदारी युक्त तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन

सूचना व फोटो आभार : बिलेश्वर झल्डियाल पर्यावरण मित्र

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 114

श्रीकोट (देवप्रयाग ) में एक भव्य मकान में निमदारी युक्त तिबारी में काष्ठ कला अलंकरण अंकन

गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार , बाखाई , खोली , मोरी , कोटि बलान ) काष्ठ , अलकंरण , अंकन ) - 114

(केवल कला व अलंकरण ) (लेख अन्य पुरुष शैली में है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

देवप्रयाग विकास खंड के श्रीकोट (पौड़ी खाल ) गांव से बिलेश्वर झल्डियाल से क चार पांच चर्चा लायक मकानों की सूचना मिली है जिनके काष्ठ कला व अलंकरण की विवेचना आवश्यक है। पहला इस मकान की विवेचना हेतु तीन भागों में ध्यान देना होगा। मूलतः मकान दुपुर था किन्तु जीर्णोद्धार में एक तीसरा मंजिल जोड़ा गया है। ,

मूल भव्य मकान भी गढ़वाल के अन्य तिबारीयुक्त मकानों की भाँती दुखंड व तिभित्या है। . मुख्य तिबारी पहली मंजिल पर स्थापित है। भव्य मकान का छज्जा पत्थर का है व उस पर देहरी है व तिबारी स्थापित है। तिबारी के आगे निमदारी या जंगला भी स्थापित है अनुमान लगाना सरल है कि मूलतः मकान में तिबारी ही थी पहली मंजिल व दूसरी मंजिल के जंगले बाद में ही जोड़े गए हैं। चूँकि जंगले धातु के हैं तो उन की विवेचना न हो सकेगी।

तिबारी भाग में काष्ठ कला तिबारी के सात स्तम्भों (सिंगड़ों ) में दर्शन होते हैं जो सात स्तम्भ छह मोरी, ख्वाळ , खोली बनाते हैं।

स्तम्भों में कारीगरी अलंकरण दर्शनीय है।

प्रत्येक स्तम्भ में गढ़वाली की तिबारियों जैसे ही आधार पर अधोगामी (उल्टा ) कमल दल से निर्मित कुम्भी , ड्यूल , उर्घ्वगामी (सीधा ) कमल दल ; सीधा स्तम्भ की कड़ी /शाफ्ट फिर अधोगामी कमल दल , नक्काशीयुक्त ड्यूल , फिर उर्घ्वगामी कमल और दल के बाद स्तम्भ का थांत शुरू हो चौखट नुमा मुरिन्ड /मथिण्ड से मिल जाता है।

श्रीकोट (पौड़ी खाल ) टिहरी के इस मकान की तिबारी की विशेष विशेस्ता है कि स्तम्भ में ऊपरी कमल जहां से समाप्त होता है व थांत (bat type blade ) शुरू होता है वहां स्तम्भ पर एक विचित्र किन्तु नयनाभिरामी अलंकरण हुआ है। प्रत्येक स्तम्भ में स्तम्भ कड़ी -थांत संधि स्थल में ऐसी चार आकृतियां हैं याने तिबारी में कुल 28 आकृतियां। आकृति ट्यूडर तोरण /arch जैसी है जिसके शीर्ष में कुछ तीखापन (sharpness ) है और फिर इस ट्यूडर चाप से ऊपर एक धन आकर आकृति निकलती है जो ईसाईयों के क्रॉस का भी आभास देता है। स्तम्भ व थांत संधि स्थल में यह विशेष ट्यूडर व ऊपर धन आकार आकृति ही श्रीकोट की तिबारी को गढ़वाल के अन्य तिबारियों से अलग कर देता है।

बाकी अन्य स्थानों में ज्यामितीय कला अलंकरण ही दृष्टिगोचर हो रहा है।

निष्कर्ष निकलता है कि श्रीकोट (पौड़ी खाल , देवप्रयाग विकाश खंड , टिहरी ) का विवेचित मकान तिबारी के कारण भव्य बन पड़ा है और तिबारी में सात स्तम्भ व छह ख्वाळ -खोली हैं , स्तम्भों में कुल उल्टे कमल दल 14 व सीधे कमल दल भी 14 हैं व 28 ड्यूल हैं व 28 ट्यूडर धन आकार आकृति हैं जो तिबारी को विशेष दर्जा दे देते हैं।

तिबारी भव्य की गिनती में आती है।

सूचना व फोटो आभार : बिलेश्वर झल्डियाल पर्यावरण मित्र

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