छत छूती गाडि

सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज ... २


कण के बथोंण कैमा बथोंण

छत छूती गाडि


निरास ग्याई पराण हो हो अ

छत छूती गाडि

निरास ग्याई पराण


सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज ... २


कब आलि बॉडी अ गाडि

कब खतलु मन को उमाळ ... २


अब नींदू गायेंदा सुपनिया

अब आँखि रैगेनी छुंयाळ


जागि छे माया कण क्वे लुकाण

कण क्वे लुकाण

कब तक लुकाण


छत छूती गाडि

निरास ग्याई पराण

सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज


कबि उडदू मन ऐन्च अगास

कबि सोच्दु भूयां मां ही रेगयां... २


कबि देख्दु सुपनियूं मां तुम थे

कबि लगदु तुम सुपनिया ह्वैगया


पापि पराण कण क्वे बूथाण

कण क्वे बूथाण

कब तक बूथाण


छत छूती गाडि

निरास ग्याई पराण

सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज


मिन यों गरीब आंखियों मां

पालैनि सुपनिया नीर अ... २


ऐथर अब तुमर ही छ सारू

पैथर छोड्या वै तक दिन


हत पकड़ो बातो तुम नि दिख्यांण

तुम नि दिख्यांण

तुमल ही बताण


छत छूती गाडि

निरास ग्याई पराण

सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज


कुच अपडे मन को दंदवाळ

दुनिया समाजै बि दैर... २


ऊनि जोग ऊनि ओ बिधात

तुम बोलदया हिकमत ना हैर


जन बि निभैल्या तुम नि निभाण

तुम नि निभाण

तुम नि निभाण


छत छूती गाडि

निरास ग्याई पराण

सोचि छौं कि मन की बात

तुम थे ई बथौलों आज