गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

कुमार्था (उदयपुर ) में भंडारी मुंडीत की तिबारी /निमदारी में काष्ठ कला -2

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र असवाल Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 32

उदयपुर पट्टी संदर्भ में लैंसडाउन , दक्षिण गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों पर काष्ठ अंकन कला -5

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 32

( चूँक आलेख अन्य पुरुष में है, श्रीमती , श्री व जी शब्द नहीं जोड़े गए है )

संकलन - भीष्म कुकरेती

वीरेंद्र असवाल ने कुमार्था (उदयपुर ) गाँव से कई तिबारी व निमदारियों की सूचना व फोटो प्रेषित किये हैं। उन्हें शत शत धन्यवाद। इसी क्रम में भंडारी मुंडीत का एक ऐसे मकान की सूचना मिली है जिमसे एक भाग में केवल बिन तोरण चौखट तिबारी है तो दूसरे भाग में पहली मंजिल पर काष्ठ जंगला है।

जंगला सह , तिबारी का विश्लेषण कुमार्था की तिबारी भाग - 1 में इंद्र सिंह भंडारी की तिबारी शीर्षक से हो चुका है।

भंडारी मुंडीत की इस चौखट याने चार स्तम्भ किन्तु तोरण विहीन तिबारी की समानता साइकलवाड़ी के दिनेश कंडवाल की तिबारी (लोक कला भाग 16 ) से की जा सकती है।

कुमार्था के भंडारी मुंडीत के इस भाग की विशेषता है कि पत्थर के छज्जे S नुमा पाषाण दासों (टोड़ी ) पर नहीं ठीके हैं अपितु चुका फ्लैट आयातकार पाषाण आकृति पर ठीके हैं। मकान के बाकी छज्जे 'S' नुमा पाषाण दासों पर टिके हैं। तिबारी के चार स्तम्भ तीन चौकोर द्वार /मोरी /खोळी बनाते हैं।

स्तम्भों के ऊपर भी चौकोर स्लीपर /पट्टी हैं याने कोई तोरण या मेहराब नहीं है। स्तम्भ शीर्ष पट्टी के ऊपर छत के पट्टी मिलती है। छत की पट्टी लकड़ी के दासों पर टिकी है।

तिबारी का प्रत्येक स्तम्भ पत्थर के आधार पर टिका है। आम तिबारियों जैसे इस तिबारी के स्तम्भ आधार गोल न होकर चौकोर हैं व स्तम्भ आधार में अधोगामी कमल दल न होकर साधारण वानस्पतिक कला से उत्कीर्णित हैं। आधार से लेकर शीर्ष तक स्तम्भ/ सिंगाड़ में ना ही कोई विशेष अंकित कला के दर्शन होते हैं ना ही शीर्ष पट्टिका या मुंडीर पर कोई विशेष कला दृष्टिगोचर होती है।

कहा जा सकता है कि भंडारी मुंडीत की यह तिबारी कला दृष्टि से आम साधारण तिबारी की कोटि में ही गिनी जाएगी।

तिबारी के आगे मकान के दूसरे छोर पर पहली मंजिल पर 12 स्तम्भों /खम्बों से अधिक का काष्ठ जंगला है। जंगला संरचना बताता है कि कभी यह जंगला भव्य रहा होगा।

सूचना व फोटो आभार : वीरेंद्र असवाल

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020