उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास भाग -29
उत्तराखंड परिपेक्ष में जिमीकंद/सोरण का इतिहास
उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 5 उत्तराखंड में कृषि व भोजन का इतिहास --29
उत्तराखंड परिपेक्ष में जिमीकंद/सोरण का इतिहास
उत्तराखंड परिपेक्ष में सब्जियों का इतिहास - 5
उत्तराखंड में कृषि व खान -पान -भोजन का इतिहास --29
आलेख : भीष्म कुकरेती
Botanical Name - Amorphophallus campanulatus
Common Name- Elephant foot yam
जिमीकंद उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में खाया जाता था। अब मैदानों से पहाड़ी इलाकों में भी बननी शुरू हो गयी है।
जिमीकंद की खेती या एकत्रीकरण देहरादून , हरिद्वार , उधम सिंह नगर और भाभर इलाके में अच्छे स्तर पर होती है।
जिमीकंद का जन्मस्थल पूर्वी दक्षिण एसिया के मलेसिया क्षेत्र है . जंगली जिमीकंद हजारो साल पहले इन क्षेत्रों में पाया जाता था। भारत में जिमीकंद कई हजार साल पहले आ चुका था। ए. वी . सम्भमूर्ति और सुब्रमनियम मानते हैं कि जिमीकंद भारत में जन्मा वनस्पति है।
हो सकता है कि जिमीकंद का खाद्य उपयोग भारत में हुआ हो।
वैदिक भारतीय जिमीकंद का उपयोग करते थे। संस्कृत में जिमीकंद के कई नाम हैं जैसे आलू , सुकन्दिन , कंठाल सुरःण , अर्साघना आदि ।
जिमीकंद का आयुर्वेद में स्वास , आंतो व पेट की बीमारियों की दवाइयों में उपयोग होता था।
निघन्टू साहित्य में भी जमीकंद का उल्लेख मिलता है।
Copyright @ Bhishma Kukreti 3 /10/2013