अरसे

उत्तराखंड मे किसी भी शुभ अवसर पर अरसे बनाये और खिलाये जाते है ।

खास कर शादियों में जब भी कोई स्त्री अपनी ससुराल से माइके आती है तो वापस जाते हुए उसे सगुन के तोर पर अरसों से भरी हुई टोकरी दी जाती है ।

जिसे वह अपने ससुराल मे बांटती है तो ऐक तरीके से कहा जाय तो ये उत्तराखंड के रीति-रिवाज और संस्कृति से जुड़ी हुईमिठाई है ।

वैसे यह मिठाई उत्तराखंड मे ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और दक्षिण भारत मे भी बनायी जाती है ।

जिसे अनरसे या अनरसेलू कहा जाता है ।

इन सबके बनाने के तरीके और स्वाद में थोड़ी सी भिन्नता पाई जाती है ।

लेकिन मे यहां पर आपको यहां पर उत्तराखंड के अरसे बनाने कि विधी सिखाउंगा ।

तो चलिए जानते है कि केसै बनते है उत्तराखंड के अरसे ।

सामग्री -

250g भीगे हुए चावल

200g गुड़

1 लीटर सरसों का तेल

1 छोटा चम्मच इलायची पावडर

2 लीटर पानी

अरसा बनाने की विधि -

सबसे पहले चावल को अच्छी तरह से धुलें

और धोने के बाद लगभग 4 घंटे तक पानी मे भिगोकर रखें ।

जब चावल अच्छी तरह से भीग जाये तो उसे पानी मे से छान लें ।

फिर उसे पीस लें या ओखली मे कूट लें ।

अब ऐक गहरी कड़ाई मे धीमी आंच मे पानी और गुड उबालने के लिए रख दें ।

जब पानी मे गुड़ अच्छी तरह से घुल जाये या सरबद थोड़ा गाड़ा हो जाय अगर आपको नहीं समझ मे आये की कितना गाड़ा सरबद चाहिए तो आप ऐक कटोरी मे ठंडा पानी लीजिए और उस पानी मे इस सरबद की कुछ बूंदे डालिये अगर वो बूंदे पानी के उपर तैरती है तो समझ लीजिए कि ये सरबद अभी तक तेयार नहीं हुआ है और अगर पानी मे तैरने की बजाय कटोरे की तली मे बैठ जाती है तो समझ लीजिए की सरबद तेयार है ।

उसके बाद इस सरबद मे पीसे हुए चावल थोड़ा थोड़ा करके डालते रहें और चम्मच या करछी की सहायता से हिलाते रहिए यहां पर ध्यान रखिए कि आंच धीमी होनी चाहिए ।

आखिर मे इलायची पावडर डाले और ठंडा होने के लिए रख दें ।

जब ये ठंडा हो जाये तो इसे छोटे छोटे पकोड़े जेसा आकार मे बनायें ।

आप चाहे तो इसे अलग अलग आकार मे भी बना सकेते है ।

अब ऐक कड़ाई मे तेल गर्म करें और उस तेल मे ये पकोड़े सुनहरे होने तक तलें ।