उत्तराखंड के कलम वीर

@जगमोहन रौतेला

** सड़कों पर फिर दौड़ने लगा हल्द्वानी ***

लगभग एक महीने के बाद कल 9 जून को बाजार ( हल्द्वानी ) की ओर गया । एक लम्बे अर्से से अपने बैठकी के अड्डे ओपी मेडिकोज ( O.p.Pandey दा ) में भी नहीं गया था । वहॉ से उलाहना आ रहा था कि मैं तो बिल्कुल गायब ही हो गया हूँ । सोचा कि चलो लॉकडाउन में मिली छूट के बाद बाजार का भी हाल पता चल जाएगा और अपनी बैठकी के अड्डे में दो-चार दगड़ुओं से भी मुलाकात हो जाएगी ।

लगभग ढाई महीने बाद अब हल्द्वानी की सड़कों में लोग अपने - अपने साधनों से दौड़ लगाने लगे हैं । कुछ मुख्य चौराहों पर गाड़ियों की भीड़ के कारण फिर से जाम लगने की स्थितियॉ पैदा होने लगी हैं । दुकानदारों से पूछो तो वह कपाल में हाथ रख कर कह रहा है कि कुछ नहीं है । ग्राहक नहीं के बराबर हैं । कल ही जिला प्रशासन ने नैनीताल जिले को रेड जोन से हटाने के आदेश देने के साथ ही बाजार भी सवेरे 7 बजे से शाम के 7 हजे से खुले रहने के आदेश जारी कर दिए । जब तक आदेश आता , तब तक अधिकतर दुकानदार शटर गिरा चुके थे या फिर गिराने की तैयारी में थे । चलते - चलते चार-पॉच दुकानदारों से मैंने बात की तो कोई भी जिला प्रशासन के नए आदेश से खुश नहीं था । बोले कि दुकानदारी कुछ है नहीं , अब जबरदस्ती शाम को 7 बजे तक दुकान में बैठना पड़ेगा । पहले वाला 4 बजे तक ही आदेश सही था ।

दुकान खोलना इसलिए मजबूरी है कि दूसरी दुकानें खुलेंगी तो हम शटर गिरा कर क्या करेंगे ? घर में बैठकर लगेगा कि क्या पता दो - चार ग्राहक आ ही जाते ! पर वे भी क्या करें ? अब सरकार का आदेश मानना भी विवशता है । जहॉ एक ओर दुकानदार दिन भर ग्राहक के इंतजार में बैठा हुआ है , वहीं मुख्य बाजार की गलियों में बहुत भीड़ हैं। महिलाएँ पहले की तरह ही बाजार में निकल पड़ी हैं । बाजार की गलियों में भीड़ देख कर मेरी हिम्मत मुख्य बाजार का जायजा लेने की नहीं हुई । बाजार की गलियों के मुहाने से ही स्थिति का ऑकलन किया । लोग बहुत ज्यादा बेपरवाह दिखे । लगा कि जैसे संक्रमण जैसी बीमारी का कोई डर लोगों में है ही नहीं ।

हॉ , इतना अवश्य था कि इक्का - दुक्का को छोड़कर सभी लोग मास्क पहने हुए थे । मुख्य बाजार एक बार फिर से ठेलियों से पट गया है । संक्रमण के लिहाज से यह बाजार में किसी खतरे से कम नहीं है ।

आज सवेरे बचदा ( Bachi Singh Bisht ) ने गॉव से लाए हुए मौसमी फल आड़ू, खुमानी , पुलम के लिए ब्लॉक चौराहे पर बुलाया । फलों का स्वाद चखाने के लिए धन्यवाद हो बचदा । धन्यवाद व आभार उन ओपीदा , सनवाल दा , भुला पंकज पान्डे , हेम पाठक , अनिल बेलवाल दगड़ुओं का , जिनके साथ एक लम्बे अर्से बाद मुख सामणी की भेंट-घाट हुई । अभी कोविड -19 के संत्रमण का दौर खत्म नहीं हुआ है । सभी लोग एहतियात बर्तेंं और परिवार सहित स्वस्थ्य रहें । ***