इसके बाद नौकरी से त्यागपत्र दिया और लौट आए गांव। आज 17 साल की मेहनत से विकसित किया गया आधुनिक उद्यान उनकी जिंदगी को महका रहा है। बिरवान उत्तराखंड में अकेले काश्तकार हैं, जो फलों की पैदावार बढ़ाने को पौधों का क्लोन तैयार करवा रहे हैं। उन्होंने बागवानी के लिए अपने खेतों के अलावा कुछ खेत ग्रामीणों से भी खरीदे हैं। 2002 से पहले बसाण में लोग धान की खेती करते थे, लेकिन बिरवान ने गांव लौटकर अपने खेतों में फलों की पौध लगानी शुरू की और धीरे-धीरे एक खूबसूरत उद्यान तैयार हो गया।