बालकृष्ण डी. ध्यानी
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हजारों कहानियां
बातें की थी
बस यादें दे गई जिंदगी
क्या बोलते हैं
तू पुकारेगा जरूर
किसी ने तुम्हे कह दिया
बालकृष्ण डी. ध्यानी की हिंदी कविता