गौं गौं की लोककला

संकलन

भीष्म कुकरेती

बुरांसी (लंगूर ) के अर्जुनदेव डोबरियाल के भवन की लौह लोक कला

सूचना व फोटो आभार : हरीश कंडवाल साइकलवाड़ी

Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 45

दिवागी ( उदयपुर ) में सोहन सिंह बिष्ट की निमदारी में भवन काष्ठ कला -अलंकरण

साइकलवाड़ी /दिवांगी में भवन काष्ठ कला /अलंकरण -2

उदयपुर संदर्भ में गढ़वाल , हिमालय की तिबारियों/ निमदारियों / जंगलों पर भवन काष्ठ अंकन कला - 9

दक्षिण पश्चिम गढ़वाल (ढांगू , उदयपुर , डबराल ,स्यूं अजमेर , , लंगूर , शीला पट्टियां ) तिबारियों , निमदारियों , डंड्यळियों में काष्ठ उत्कीर्णन कला /अलंकरण

गढ़वाल, उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, निमदारी , जंगलादार भवन ) काष्ठ अंकन लोक कला ( अलंकरण motifs ) - 45

संकलन - भीष्म कुकरेती

दिवागी /साइकलवाड़ी वास्तव किमसार (उदयपुर पट्टी , दस्खिन पश्चिम गढ़वाल ) के ही भाग हैं। साइकलवाड़ी /दिवागी से जण द्वीएक तिबारी व निम दारी की सूचनाएं मिली हैं व फोटो आनी बाकी है। अभी दिवागी (साइकलवाड़ी ) के सोहन बिष्ट की निम दारी की सूचना फोटो सहित हरीश कंडवाल ने भेजी है।

दिवागी के सोहन सिंह बिष्ट की निमदारी कला दृष्टि से नहीं अपितु बृहद भवन आकर की दृष्टि से भव्य है और अपने क्षेत्र में उच्च श्रेणी में रखी जाती रही है। भवन में पहली मंजिल में काष्ठ जंगला कसा गया है जिसमे 12 कमरे से अधिक। भवन तिभित्या अंदर व एक कमरा बाहर शैली में है।

ऊपरी मंजिल के सभी कर्मों को बांधे काष्ठ जंगला है। काष्ठ जंगल तीन ओर से बंधा हुआ व पूरी जंगले में 19 से अधिक काष्ठ स्तम्भ है व फिर आधार पर दो फिट के ऊपर रेलिंग है। जंगले का आधार थांत पट्टी नुमा याने bat blade नुमा है व फिर सीधे ऊपर छत से शीर्ष /मुण्डीर है। स्तम्भ की पट्टी सपाट है याने कोई मानवीय व प्राकृतिक अलंकरण दृष्टिगोचर नहीं होते है। केवल ज्यामितीय कला के दर्शन होते हैं।

ऐसी जंगले दार निम दारी निर्माण का समय 1970 से पहले ही रहा है। उदयपुर ढांगू , शीला में 1970 के बाद मैदानी भवनों की शैली आने लगी थी।

सोहन सिंह बिष्ट की निम दारी प्राकृतिक व मानवीय अलंकरण हेतु नहीं याद की जाएगी बृहद आकर हेतु याद की जाएगी व एक समय क्या आज भी सोहन सिंह बिष्ट की निमदारी दिवागी व साइकलवाड़ी को बृहद बड़ी निम दारी हेतु पहचान (Recognition ) दिलाने में सक्षम है।

सूचना व फोटो आभार : हरीश कंडवाल साइकलवाड़ी

Copyright @ Bhishma Kukreti, 2020