गढ़वाली में स्पर्श बोधक शब्द
कंड्या- (कंटीली वस्तु का स्पर्श)
कटकटो- (सख्त)
खरखरो- (खुरदरा)
खळखळो- (चिकना पत्थर)
गलगलो- (ऐसी वस्तु जो उँगलियों से दबाने पर पिचक जाए)
गुदखली- (मांसल)
गदगदो- (मोटी एवं मुलायम)
गळ्तो- (गुनगुना)
गिंजगिंजो- (कीचड़युक्त, लिजलिजा)
चड़चड़ो- (अत्यंत गरम पानी)
चस्सो- (ठंडो)
चिपचिपो- (चिपकने वाला तरल पदार्थ)
चिफळो- (फिसलन वाला)
चिफळपट्ट- (अत्यंत फिसलनयुक्त)
चिफळ्वाणि- (लिजलिजा)
छसाक- (नुकीली वस्तु की हल्की चुभन)
झमज्याट- (बिच्छू घास का स्पर्श)
टंगटंगो- (सख्त जिसमें लचीलापन न हो)
तातो- (गरम)
दरदरो- (मोटा, खुरदरा)
पलपलो- (सूजे हुए भाग का स्पर्श)
बग्वड़्या- (खुरदरे हाथ-पाँव)
बिनाण- (चुभना)
मनततो- (हल्का गरम पानी)
मुलैम- (मुलायम)
लसलसो- (महीन मिट्टी या आटा)
लिचलिचो- (चिपचिपा)
(साभार- हिंदी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश - रमाकान्त बेंजवाल एवं बीना बेंजवाल। संरक्षण आधार- अरविंद पुरोहित)