गढ़वाली कविता
बालकृष्ण डी. ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी देवभूमि बद्री-केदारनाथमेरा ब्लोग्सhttp://balkrishna-dhyani.blogspot.in/search/http://www.merapahadforum.com/में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुर
ठण्डे ठण्डे शरबत
ठण्डे ठण्डे शरबत
ठण्डे ठण्डे शरबत
ठण्डे ठण्डे शरबत
म्यारू पहाड़ा म्यारू पर्बत
म्यारू पहाड़ा म्यारू पर्बत
बैठ भूली दुई घड़ेक
बैठ भूली दुई घड़ेक
छुई बाता लगूँला
छुई बाता लगूँला
नूडल यु गडलु
नूडल यु गडलु
जरा खैकि देखलु
जरा खैकि देखलु
कन लग दू
कन लग दू
सिकसैर जरा मि करलु
सिकसैर जरा मि करलु
नै जमानु चकमक
नै जमानु चकमक
लग्युं च कन रंगमत
लग्युं च कन रंगमत
व्हैग्या भंडि खतपत
व्हैग्या भंडि खतपत
धीर गैवै ना खै सत सत
धीर गैवै ना खै सत सत
अपड़ी उमरी खैरी
अपड़ी उमरी खैरी
दुई गफ सुख नि खेई
दुई गफ सुख नि खेई
हम्ररी ऐ कथा ऐ पीड़ा
हम्ररी ऐ कथा ऐ पीड़ा
हमरा दगड ऐई गेई
हमरा दगड ऐई गेई
ठण्डे ठण्डे शरबत
ठण्डे ठण्डे शरबत