गौं गौं की लोककला

ओडार्सू (देवलसारी निकट ) में विजेंद्र पंवार व जयेन्द्र पंवार परिवार की भव्य तिबारी में काष्ठ कला , अलंकरण अंकन , नक्कासी

सूचना व फोटो आभार : राकेश पंवार , ओडार्सू

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 138

ओडार्सू (देवलसारी निकट ) में विजेंद्र पंवार व जयेन्द्र पंवार परिवार की भव्य तिबारी में काष्ठ कला , अलंकरण अंकन , नक्कासी

गढ़वाल, कुमाँ ऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी ) -138

संकलन - भीष्म कुकरेती

ओडार्सू (देवलसारी निकट , टिहरी गढ़वाल ) गांव से राकेश पंवार ने अपने परिवार की भव्य टीबाति की सूचना व फोटो भेजी है जिससे सीधा अर्थ निकलता है कि यह गाँव कृषि समृद्ध गाँव था और तिबारी की भली दसा से साफ़ लगता है कि परिवार वाले देख रेख में कोई कोताही नहीं बरतते हैं बल्कि तिबारी को युवा रखने में तत्पर रहते हैं।

तिबारी पंवार परिवार के दुपुर , दुखंड /तिभित्या मकान के पहली मंजिल पर स्थापित है।

ओडार्सू (देवलसारी निकट ) में विजेंद्र पंवार व जयेन्द्र पंवार परिवार की भव्य तिबारी में 7 स्तम्भ /सिंगाड़ /columns हैं जो 6 ख्वाळ /खोली/द्वार बनाते हैं। प्रत्येक स्तम्भ छज्जे के ऊपर देळी /देहरी के ऊपर चौकोर पत्थर डौळ के ऊपर स्थापित हुए हैं व आधार पर उल्टा कमल दल (अधोगामी पद्म पुष्प दल ) कुम्भी बनता है व इसके ऊपर ड्यूल (ring type wood plate ) है जिसके ऊपर सीधा उभरता कमल फूल ( उर्घ्वगामी पद्म पुष्प ) है जहां से सिंगाड़ की गोलाई .मोटाई कम होती जाती है व जहां पर सबसे कम मोटाई है वहां पर उलटा कमल दल है व उसके ऊपर ड्यूल है जिसके ऊपर उर्घ्वगामी (सुल्टा /सीधा ) कमल पुष्प है। कमल पंखुड़ियों व सिंगाड़ की मध्य भागीय कड़ी (shaft of Column ) में फर्न पत्ती नुमा आकृति अंकन हुआ है। सीधे कमल दल से सिंगाड़ दो भागों में बंट जाता है एक भाग सीधा ऊपर जा थांत (bat blade type ) की शक्ल ले लेता है व दूसरी ओर मेहराब के चाप शुरू हो जाते हैं। मेहराब /arch तिपत्ति (trefoil ) आकृति का है बस बीच में आकर तीखा है। मेहराब के दोनों किनारे के त्रिभुजों में बेल बूटों की नक्कासी है। मेहराब व सिंगाड़ के ऊपर मुरिन्ड /मथिण्ड के ऊपर तीन च रतः वाली कड़ियाँ हैं जिन पर बेल बूटों की नक्कासी हुयी है। इन कड़ियों के ऊपर छत आधार पट्टिका है जिमे बहुत ही नायब बेल बूटों की नकासी हुयी है। छत आधार पट्टिका व बारिश रोको पट्टिका में भी सुंदर नकसी हुयी है। छत आधार पट्टिका में ज्यामितीय कला प्र्दशन हुआ है।

मकान में पहली मंजिल म ीक द्वार व एक खड़की में द्वार सिंगाड़ों में बहुत ही नयनाभिरामी अलंकरण अंकन हुआ है। पहले मंजिले माने के प्रवेश द्वार व खड़की के सिंगाड़ कुछ तिबारी के सिंगाड़ की ही नकल है। प्रवेश द्वार के उप सिंगाड़ों में बेल बूटों की नक्कासी है। प्रवेश द्वार के मुरिन्ड में ैव प्रतीक आकृति खुदी है। खिड़की में मेहराब निर्मित हुआ है। खिड़की के मुरिन्ड में भी देव आकृति खुदी है।

निष्कर्ष निकलता है कि ओडार्सू (देवलसारी निकट ) में विजेंद्र पंवार व जयेन्द्र पंवार परिवार की भव्य तिबारी में प्राकृतिक (natural motifs ) , ज्यामितीय (geometrical motifs ) व मानवीय (देव रूप आकृति ) अलंकरण अंकन /नक्कासी हुयी है व कला , बृहद आकार दृष्टि ओडार्सू (देवलसारी निकट ) में विजेंद्र पंवार व जयेन्द्र पंवार परिवार की उच्च स्तर की तिबारी है व गढ़वाल की भव्य तिबारियों में गणना लायक है।

तिबारी 80 साल पुरानी है किन्तु शिल्पकारों की जानकारी न मिल स्की .

सूचना व फोटो आभार : राकेश पंवार , ओडार्सू

यह लेख भवन कला संबंधित है न कि मिल्कियत हेतु . मालिकाना जानकारी श्रुति से मिलती है अत: अंतर हो सकता है जिसके लिए सूचना दाता व संकलन कर्ता उत्तरदायी नही हैं .

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