महासरताल

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अब सिर्फ चार किमी पैदल दूरी तय कर पहुंच जाएंगे महासरताल, यहां आज भी बने हैं कई रहस्य

Publish Date:Sat, 07 Dec 2019

महासरताल पहुंचने के लिए पर्यटकों को अब लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। अब सिर्फ चार किमी की दूरी तय करनी होगी।

प्रसिद्ध पर्यटक स्थल महासरताल पहुंचने के लिए पर्यटकों को अब लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। महासरताल तक पहुंचने के लिए अभी तक नौ किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती थी, लेकिन अब सिर्फ चार किमी की दूरी तय करनी होगी। पांच किमी दूरी कम होने यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही इस स्थल को पहचान भी मिल सकेगी।

महासरताल जिले का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, जो घने बांज के जंगल के बीच में स्थित है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। महासरताल के ताल आज भी रहस्य बने हुए हैं। यहां पर आस-पास दो ताल हैं। ऊपर वाले ताल का रंग हरा है, जबकि इसके ठीक नीचे वाले ताल का रंग मटमैला है। अभी तक इन तालों की गहराई का भी अंदाजा नहीं लगाया जा सका है।गर्मियों में यहां पर स्थानीय लोग यात्रा भी निकालते हैं।

खास बात यह है कि इस पर्यटक स्थल को जाने वाले रास्ते में कहीं भी पानी का स्रोत नहीं है, लेकिन महासरताल पहुंचने के बाद दो तालों के दीदार होते हैं जो पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। बाहर से भी काफी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। मासरताल की धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी पहचान है। करीब नौ हजार की फीट पर स्थित यह पर्यटक स्थल अपनी खूबसूरती के कारण पर्यटकों को यहां खींच लाता है।

इस पर्यटक स्थल तक पहुंचने के लिए पहले बूढ़ाकेदार से नौ किमी की पैदल खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचा पड़ता था, लेकिन नौ माह पूर्व बूढ़ाकेदार से पिंसवाड़ गांव तक छोटे वाहनों के लिए सड़क सुविधा होने के कारण अब यहां तक पहुंचने के लिए मात्र चार किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। इस पर्यटक स्थल तक पहुंचने के लिए पिंसवाड़ गांव आखरी गांव है। जिला पर्यटन अधिकारी एसएस यादव ने बताया कि यहां से होकर केदारनाथ के लिए पैदल कांवड़ यात्रा भी निकलती है। यात्रियों के लिए यहां पर छोटा धर्मशाला बनाया गया है यदि यहां पर सुविधाएं बहाल करने के लिए क्षेत्र से प्रस्ताव आता है तो उस पर कार्यवाही की जाएगी।