गौं गौं की लोककला

क्यारी (टिहरी ) में तेराखम्या दिलकश तिबारी में काष्ठ कला

सूचना व फोटो आभार : गुसाईं जी

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Copyright @ Bhishma Kukreti , 2020

उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी ) काष्ठ अंकन लोक कला ( तिबारी अंकन ) - 192

क्यारी (टिहरी ) में तेराखम्या दिलकश तिबारी में काष्ठ कला

क्यारी (टिहरी ) में एक तेराखम्या दिलकश तिबारी में काष्ठ कला अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी

गढ़वाल, कुमाऊं , देहरादून , हरिद्वार , उत्तराखंड , हिमालय की भवन (तिबारी, जंगलेदार निमदारी , बाखली , खोली , मोरी , कोटि बनाल ) काष्ठ कला , अलकंरण , अंकन , लकड़ी नक्कासी -192

संकलन - भीष्म कुकरेती

क्यारी गाँव , पट्टी निगुण , जला टिहरी गढ़वाल से तिबारी वाले मकान की सूचना मिली है। तिबारी भ्यूं तळ होने के बाद भी लाजबाब है , शानदार, दिलकश है। मकान दुपुर शैली का है व दुखंड , दुघर प्रकार का है। तिबारी पहली मंजिल पर है व बाहर के कमरों को बंद न रख तिबारी का बरामदा /बैठक बना दिया गया है व बाहर तेरह स्तम्भ स्थापित है।

तेरह के तेरह स्तम्भ एक जैसे हैं व दो स्तम्भों के मध्य मेहराब आकृति भी है। प्रत्येक स्तम्भ का आधार चौकोर कुम्भी नुमा है उसके ऊपर ड्यूल हैं फिर ड्यूल के ऊपर चौकोर सीधा कमल दल है व यहां से स्तम्भ सीधा गोला है व मेहराब से कुछ नीचे स्तम्भ में दो तीन ड्यूल हैं। दो स्तम्भों के मुरिन्ड कड़ी से मिलने से पहले दो स्तम्भों के मध्य कुछ अलग किस्म का मेहराब बने हैं। मेहराब कुछ कुछ उलटे { कोष्टक की आकृति के हैं। मुरिन्ड की कड़ी में कोई कला दृष्टिगोचर नहीं हुयी। बरामदे /डंड्यळ अंदर के कमरों के दरवाजों पर आकर्षक ज्यामितीय कटान दृष्टिगोचर हो रहा है।

क्यारी (निगुण , टिहरी ) की तिबारी में मानवीय अलंकरण बिल्कुल नदारद है।

तेराखम्या तिबारी शानदार , लाजबाब व भव्य है।

सूचना व फोटो आभार : गुसाईं जी

*** यह आलेख कला संबंधित है , मिलकियत संबंधी नही है I भागीदारों व हिस्सेदारों के नामों में त्रुटी संभव है I

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