दुन्या धौंका फौंकि मा जिंदगी बिताणु छै ।

बटोई छै तु मनखि अफ्थै क्या चिताणु छै ।।


जणचारेक दिना फफत्यट च त्यार भागम ।

अफि अफ्थै फुंडयानाथ किलै बताणु छै ।।


अरे यकुलि ऐ यकुलि जाण ई दुन्या बटि ।

उठापोड़ कैरि गरजोड़ा किलै लगाणु छै ।।


तमसगेर बणि दुन्या सदनि तमोसू द्यखंद ।

मटयळु भ्वोरि पाणी किलै छलकाणु छै ।।


नौ क अलावा दुन्यम् कुछ भि अमर नि रैंद ।

जिकुड़ि अगास पताल बोल किलै नचाणु छै ।।


✍🏻ल्यख्वार-

©®✍🏻वीरेंद्र जुयाल उपिरि

फरसड़ि पलतीर क्लब