" आजक किस्सा- आजक कहानी"

व्यालि साब कोचिंग सेन्टर कुन एक आफिस ब्वाय राख। एक गौं विटिक दस पास भुला ते धैर द्या साब दस हजार रू.महिनक तन्खया मां। त साब अब मी भुला ते सिखाण बेठिग्यूं कि, क्वि सेन्टर मा आल अर पूछाल कि फीस कतुक दीण अर कू कू विषय पढे जान्दान आदि इत्यादि। ।

"तू इन बता कि 12वीं विधार्थीक एक विषयक 3000रू quarterly फीस च त सालभरक फीस वू हमतें कतुक द्याल" मीन भुला ते पूछ.

भुला चुप।शायद दिल्ली म नै नै आयूं तब जैक।

"अब्बै तू quarter समझत छे न?"मीन पूछ।

"हां॥ साब" वेन व्वाल।

"त बत्ता,साल भरमा वेमान कुतक मिलाली।

"साब, पूरी "बोतल"भुलान तुरन्त जबाब दे साब।

"हैं, अब्बे या बोतल कख बिटिक ये सवाल मा"मीन पूछ।

"साब,आपन quarter ब्वाल न. त quarter मतलब "पौवा"अर half मतलब " अद्धा" अर full साल मतलब "पूरी बोतल" ह्वा न साब ।" वेन पूरी व्याख्या दे दी साब.

मी जोर -जोर से हैंसण बेठिग्यों त बगल अक केबिन बिटिक कोचिंग सेन्टरक मालिक भी हे ग्या.जू मद्रासी च।

"क्या बोला प्रसाद जी। इसको समझ नहीं आता क्या। ऐसा है तो दूसरा लड़का रख लो अपना हैल्प का लिये। आप क्यों हंसती इतना तेज।

"नो सर, हि इज अोके। नया आया है न गाँव से घबरा रहा है । मैं ट्रेन कर दूंगा उसे विद इन अ वीक"मालिक त मिन समझेकन भगे द्या मिन स्वाच भुलाक एक ही दिन मा नौकरी खत्म. ।कख मिनि अचकाल दस पास ते शुरूवात मा इतना आच्छी नौकरी. फिर छा भी हमारि गाँव क नजदीकी .

"बेटा , सिलोगी म ठेका खुल्युं न" मीन ब्वाल.

"हां साब! बल

"अच्छा बेटा , तब्बि तू ते यूं पौवा,अद्धा अर "बोतल" क ज्ञान च।

अब्बे यू quarterly च. मतलब सालभर क चौथाई . मतलब तीन महिनाक फीस। समझेगे ।

तब वे ते मीन ब्लेकबोर्ड पर पूरू फी चार्ट समझ्या साब . तब आइ वेक समझ मा।

विश्वेश्वर प्रसाद