पहाड बिटी पलायन इतगा ज्यादा ह्वैगे कि
अब त पुष्पा छोरी भी दिल्ली की ह्वैगे
खितेला ..... खित खित .....
मैत भतेक कजाणी फोन परि:-
कजाणी : जी तुमर बिगैर जी नि लगणू
कजै: अरे लाटी ........
ZEE नि लगणू तर
स्टार और सोनी लगेगे कि देख लियाँ
वा बी भला चैनल छन जी
खित खित ....खित खित.............
खित खित खितेला
बालकृष्ण डी. ध्यानी
गढ़वळिम चुट्कुला
खितेला ..... खित खित .....
नै ब्योली सौरास मां पैलु दिन
सास नि पूछि ब्वारी इन कैर कि .....
तैथे कया बणाण आन्दु चत कैकि बनें लि आ
ब्वारी कुच बगत बाद सासु माँ
सोडा दगडी ले ला या फिर पाणी दगड
खित खित ....खित खित.............
खित खित खितेला
बालकृष्ण डी. ध्यानी
गढ़वळिम चुट्कुला
खितेला ..... खित खित .....
गुरूजी :पप्पू बेटा राम तू बथा बहुबचन कया छ?
पप्पू: गुरूजी जबै बहु अपड़ा सौरास मां सासु थे खुब खरी - खोटी सुणा दी
ऊ छ्या बहुबचन गुरुजी
औरृ गुरूजी उत्तर सुणीक़ बेहोश हुँदा हुँदा संभ्ली गयां
खित खित ....खित खित
खित खित खितेला
बालकृष्ण डी. ध्यानी
गढ़वळिम चुट्कुला