गढ़वाली में ध्वन्यर्थक शब्द

गढ़वाली में ध्वन्यर्थक शब्द

रमणीय प्रकृति से उद्भूत एवं लोक-जीवन में प्रयुक्त गढ़वाली भाषा में रची-बसी ये शब्दावली 'आट' प्रत्यय के योग से बनी है। जैसे- झर-झर झरते झरने का स्वर 'छछड़ाट', उन्मुक्त हँसने का स्वर 'खिकताट'। हमारी जानकारी में दुनिया की किसी भी भाषा में इतना सूक्ष्म अर्थ भेद और इतने ध्वन्यर्थक शब्द नहीं हैं जितने कि गढ़वाली भाषा में हैं।

अड़ाट- (भयभीत पशुओं की चिल्लाहट)

ककड़ाट- (लगातार की जाने वाली व्यर्थ की बड़बड़ाहट)

कणाट- (कराहने की आवाज)

कवारोळी- (बहुत सारे कौओं की एकसाथ कांव-कांव की आवाज)

किकलाट- (जोर-जोर से बोलने पर होने वाला शोर)

किड़कताळ- (आकाश में बिजली कड़कने की आवाज़)

किबलाट- (शोर, कोलाहल, हल्ला)

किराट- (शिशु के जोर-जोर से रोने की आवाज़)

किल्कताळ- (चीख, जोर की आवाज़)

खकड़ाट- (किसी वस्तु को घसीटने की ध्वनि)

खबड़ाट- (दरवाजे या बर्तनों के बजने की ध्वनि)

खमणांट- (बर्तनों या 'खांकर' के बजने की ध्वनि)

खलाट- (तेजी से चलने वाली साँस की आवाज़)

खबताट/छबताट- (आधा भरे बर्तन में द्रव के हिलने की ध्वनि)

खिकचाट- (व्यर्थ की हँसी)

खिकताट- (उन्मुक्त हँसी)

खिबच्याट- (पक्षियों का कलरव)

खिबळाट- (पानी के खौलने की ध्वनि)

खुबसाट- (फुसफुसाहट)

गगड़ाट- (बादलों के गरजने की ध्वनि)

गगदाट- (पेट में वायु के कारण उत्पन्न ध्वनि)

गबदाट- (बहुत से लोगों की एक साथ बोलने की ध्वनि)

गबळाट- (अस्पष्ट ध्वनि)

गमग्याट- (पानी के तेजी से बहने की ध्वनि)

गिड़कताळ- (आकाश में बिजली चमकने के बाद होने वाली गड़गड़ाहट)

गुंगणाट- (नाक से बोलने की आवाज़)

गुगड़ाट- (हुक्के की गुड़गुड़ाहट)

गुमणाट- (भौंरों एवं मधुमक्खियों की आवाज, धीमी और अस्पष्ट आवाज़)

घगसाट- (श्वास अवरोध के कारण गले में होने वाला शब्द)

घगराट/घघराट- (गले से निकलने वाली घर्र-घर्र की आवाज। इसमें हल्की और स्पष्ट ध्वनि होती है जबकि 'घगसाट' में ध्वनि अस्पष्ट होती है)

घमणाट- (बैलों के गले में बंधी घंटियों का स्वर)

घुंग्याट- (मोटर या वायुयान की ध्वनि)

घुघराट- (गुर्राहट)

घुस्याट- (नाराजगी में की गई बड़बड़ाहट)

चचड़ाट- (पेड़ या पेड़ की शाखा के टूटने से उत्पन्न ध्वनि)

चचराट- (तेजी से तीखा बोलने की आवाज)

चटकताळ- (थप्पड़ अथवा बेंत के प्रहार से उत्पन्न ध्वनि)

चटाक- ('चटकताळ' में लम्बे समय का बोध होता है जबकि 'चटाक' में ध्वनि कम अंतराल की होती है)

चिबड़ाट- (गर्म तेल में पानी की बूंदें पड़ने पर उत्पन्न ध्वनि)

च्युंच्याट- (चहचहाहट)

च्वींच्याट- (दरवाजे या चारपाई के हिलने पर उत्पन्न ध्वनि)

छछड़ाट- (झरने का स्वर)

छणमण- (गहनों के बजने की ध्वनि)

छबताट- (पानी भरे बर्तन में पानी के छलकने की ध्वनि)

छमणाट- (चूड़ियों या गहनों के बजने की ध्वनि)

छिंछ्याट- (ऊँचाई से पानी गिरने का स्वर)

छिबड़ाट- (झाड़ी या सूखे पत्तों में चलने से उत्पन्न ध्वनि)

झमणाट- (पहने हुए गहनों की ध्वनि)

ठकट्याट- (किसी बर्तन को खाली करने के लिए जमीन पर ठक-ठक करने की ध्वनि)

ठकठकि- (एक तरह की खाँसी की आवाज)

डिमड्याट- (कच्चे फर्श में की गई उछल-कूद से उत्पन्न ध्वनि)

डुकरताळ- (गुर्राहट, गर्जना)

ततड़ाट- (कम ऊँचाई से थोड़ा पानी गिरने की आवाज़)

तबड़ाट- (अनाज भूनते हुए तड़-तड़ की आवाज़)

थचाक- (किसी भारी वस्तु के जमीन पर गिरने की ध्वनि)

दमड़ाट- (ओलों, बारिश की बूँदों तथा पेड़ से फलों के गिरने की ध्वनि)

धड़ाक- (कपड़ा फटने की ध्वनि)

धड़ाम- (वस्तु के गिरने की ध्वनि)

धाद/धै- (किसी को बुलाने के लिए जोर से दी गई आवाज़)

धिधराट- (पशुओं द्वारा उछल-कूद से उत्पन्न ध्वनि)

धौंतर्याट- (मनुष्यों द्वारा उछल-कूद से उत्पन्न ध्वनि)

निकन्याट- (अनावश्यक रूप से हँसना)

पटासुल्कि- (उंगलियों को मुँह में रखकर जोर से सीटी बजाने की आवाज़)

पपड़ाट- (सूखी पत्तियों में चलने या कागज के हिलने से उत्पन्न ध्वनि)

पिपड़ाट- (सूखी फलियों से दाना निकालते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि)

प्वांऽ- (बस के हाॅर्न की आवाज)

प्यींप्याट- (छोटे बच्चों के रोने की आवाज़)

फचाक- (आटे के थैले या पानी भरे गुब्बारे के जमीन पर गिरकर फटने/फूटने की आवाज)

फफड़ाट- (पक्षी के पंख फड़फड़ाने की ध्वनि)

फफराट- (तेज हवा चलने पर कपड़ों से उत्पन्न ध्वनि)

फुंकराफुंकरि- (गहरी नींद में सोये व्यक्ति के नाक से आने वाली आवाज)

बबड़ाट- (बड़बड़ाना)

भचाक- (किसी धातु की वस्तु पर जोर से किसी चीज के लगने की आवाज)

भणाक- (दूर से कान में पड़ती ध्वनि)

भबड़ाट- (चूल्हे में जलती लकड़ियों से निकलने वाली भर्र-भर्र की आवाज़)

भिचोळाभिचोळि- (किसी दरवाजे को जोर-जोर से धक्का देने की आवाज)

भिमणाट- (मक्खियों की भिनभिनाहट)

भूकण- (भौंकना)

म्याउं- (बिल्ली की आवाज)

रमाण- (रंभाना)

ल्यराट- (बकरियों की मिमियाहट)

ससराट/सिंस्याट- (हवा की सरसराहट)

सिमणाट- (जुकाम के कारण नाक बंद होने पर साँस लेते समय नाक से उत्पन्न ध्वनि)

सुबड़ाट- (किसी तरल पदार्थ के बड़े-बड़े घूँट लेते हुए निकलने वाली सुड़-सुड़ की आवाज़)

हैंसारोळी- (समूह में हँसने का स्वर)

(साभार- हिंदी-गढ़वाली-अंग्रेजी शब्दकोश - रमाकान्त बेंजवाल एवं बीना बेंजवाल। संरक्षण आधार - अरविंद पुरोहित)